तारिक़ खान
डेस्क: गंगा में मेडल बहाने हरिद्वार पहुंचे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने सरकार को पांच दिनों का अल्टीमेटम दिया है। पहलवानों ने कल मंगलवार शाम अपने मेडल गंगा में विसर्जित नहीं किए और वो किसान नेता नरेश टिकैत के साथ मुज़फ़्फ़रनगर लौट आए। इसी बीच मुज़फ़्फ़रनगर के बुढ़ाना क्षेत्र के सोरम गांव में पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत बुलाई गई है।
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने हरिद्वार से लौटकर बुधवार सुबह अपने ट्विटर अकाउंट पर हिंदी के प्रतिष्ठित कवि मुक्तिबोध की एक कविता पोस्ट की है। विनेश फोगाट ने लिखा है – “लेकिन, हम इसलिए मरे कि ज़रूरत से ज़्यादा नहीं, बहुत-बहुत कम हम बागी थे!” ये हिंदी के प्रसिद्ध कवि मुक्तिबोध की कविता “एक भूतपूर्व विद्रोही का आत्मकथन” का एक अंश है।
विनेश फोगाट समेत कई पहलवान बीते मंगलवार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के प्रतीक के रूप में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। लेकिन मेडल बहाए जाने से ठीक पहले किसान नेता नरेश टिकैत उन्हें ऐसा करने से रोकने में कामयाब हो गए। टिकैत समेत कई प्रशंसकों की ओर से मेडल नहीं बहाने की अपील किए जाने के बाद पहलवानों ने अपने मेडल बहाने को पांच दिनों के लिए टाल दिया है।
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