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अपने देश में भी घिर रहे है नेतन्याहू, तेल अवीव में सरकार के खिलाफ जारी है विरोध प्रदर्शन, बंधको को किसी भी शर्त पर आज़ाद करवाने के लिए परिजनों ने लिया है अब ‘प्रोटेस्ट’ का सहारा

शफी उस्मानी

डेस्क: एक तरफ जहा हमास द्वारा कब्ज़े में लिए गए बंधको को अभी तक इसराइल मुक्त नही करवा पाया है और एक भी बंधक उसको हमास के कब्ज़े से नही मिल सके है। वही दूसरी तरफ वैश्विक स्तर पर गज़ा के मुद्दे को लेकर इसराइल अलग थलग पड़ने लगा है। साथ ही ईरान द्वारा संभावित हमले से चिंतित नेतन्याहू के लिए उनके खुद के देश में उठ रहे विरोध के स्वर भी बढ़ते जा रहे है।

इसराइल की राजधानी तेल अवीव में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन जारी है, जहां इजरायली मांग कर रहे हैं कि इजरायली प्रधान मंत्री इस्तीफा दें। यही नहीं इसी सड़क के उस पार, इज़रायली बंदियों के परिवारों द्वारा उनकी रिहाई के लिए भी एक रैली आयोजित की जा रही है।

इन सभी विरोध प्रदर्शनों के दरमियान आज शनिवार शाम, इज़रायली प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वास्तव में, वह बंदियों को वापस लाने के लिए सौदा करने में बाधा नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा हम बंदियों की रिहाई में बाधा नही है बल्कि हमास वह बाधा है। हमास की निराधार मांगें हैं, जैसे कि युद्ध को समाप्त करना और सभी इजरायली सेना को गाजा छोड़ना आदि।

लेकिन यह दिलचस्प है क्योंकि इसमें इज़रायली बंदियों के परिवार के सदस्य भी थे जिन्होंने शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें कहा गया है कि भले ही इसका मतलब युद्ध को समाप्त करना है, भले ही इसका मतलब युद्ध को पूरी तरह से रोकने के लिए पूरी इजरायली सेना को गाजा से पीछे हटना है, यह वह कीमत होनी चाहिए जो इजरायल शेष इजरायलियों को वापस लाने के लिए भुगतान करने को तैयार है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस युद्ध के छह महीने से अधिक समय हो जाने के बाद भी गजा में सैनिक बंदी हैं। यहां के लोग कह रहे हैं कि वे बस तंग आ चुके हैं और उन्हें युद्ध रोकने और बंदियों को वापस लाने के लिए मार्ग दर्शन के लिए नए नेतृत्व की आवश्यकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री इस्तीफा दे।

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