जाने कहा है ये देश ‘लेसोथो’ जिसके लिए ट्रंप ने कहा था कि इस देश का नाम आज तक किसी ने नहीं सुना होगा, जाने ‘लेसोथो’ की खासियते और प्रसिद्ध बाते

मो0 कुमेल
डेस्क: पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ‘लेसोथो’ देश का नाम आज तक किसी ने नहीं सुना होगा। उनके इस बयान पर लेसोथो सरकार ने हैरानी जताया था। जबकि हकीकत ये है कि लेसोथो अमेरिकी कपड़ो का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। अफ्रीका की खुबसूरत वादियों में यह छोटा सा मुल्क अपनी कई खूबियों के लिए मशहूर है।


छोटा सा अफ़्रीकी देश लगभग पूरी तरह पहाड़ों में बसा है और दक्षिण अफ़्रीका से पूरी तरह घिरा हुआ है। इसके अलावा इस देश के बारे में जानने के लिए बहुत सी बातें हैं। किंगडम ऑफ़ लेसोथो में बड़े पैमाने पर पहाड़ हैं। बहुत से गांव तक केवल पैदल, घोड़े या छोटे विमानों से पहुंचा जा सकता है। इसे ‘किंगडम इन स्काई’ के नाम से जाना जाता है और इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, यह दुनिया का एकमात्र स्वतंत्र देश है जिसकी समुद्रतल से औसत ऊंचाई 1000 मीटर है।
ये देश दुनिया की सबसे ख़तरनाक हवाई पट्टी के लिए भी जाना जाता है। इस हवाई पट्टी का नाम है मेटकेन। इसकी लंबाई बहुत छोटी है और इसके दोनों ओर खाई है। यहां से यात्रा करने वालों का कहना है कि यहां से उड़ान भरना जोखिम मोल लेने जैसा है। लेसोथो, दक्षिण अफ़्रीका से पूरी तरह घिरा हुआ है और पर्वत शृंखलाएं इसकी सीमा बनाती हैं। यहां खेती की बहुत अधिक ज़मीन नहीं है, इसलिए यहां की जनता खाद्यान्न की कमी से पीड़ित रहती है और दक्षिण अफ़्रीका में काम करने वालों की आमदनी पर निर्भर रहती है।
दशकों से हज़ारों मज़दूर पड़ोसी देश में काम की तलाश में जाते हैं क्योंकि अपने देश में अवसरों की भारी कमी है। लेसोथो की आबादी 20 लाख से कुछ ही अधिक है और यहां की संस्कृति और भाषा दक्षिण अफ़्रीकी लोगों जैसी ही है। उनकी भाषा सीसोथो, अफ़्रीका की 11 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। असल में, सीसोथो बोलने वाले लोग लेसोथो के मुकाबले दक्षिण अफ़्रीका में अधिक हैं। दक्षिण अफ़्रीका में क़रीब 46 लाख लोग ये भाषा बोलते हैं। पठारों के मुश्किल मौसम की वजह से लेसोथो में संसाधनों की कमी है और निचले हिस्सों में कृषि भूमि भी कम है। इसका सबसे बड़ा संसाधन है पानी, जिसे स्थानीय स्तर पर ‘व्हाइट गोल्ड’ कहा जाता है।
ये पानी दक्षिण अफ़्रीका में निर्यात किया जाता है। हालांकि यहां हीरा भी पाया जाता है और उसका निर्यात होता है। लेसोथो में रहने वालों को बासोथो कहा जाता है। कंबल और मोकोरोतलोस नाम की पारंपरिक ख़ास टोपी बासोथो लोगों की पहचान है। यह राष्ट्रीय प्रतीक है और देश के झंडे के केंद्र में इसे जगह दी गई है। मोची ऊन से बने कंबलों में बहुत खूबसूरत और रंगीन चित्रकारी होती है जो बासोथो लोगों के इतिहास की अलग अलग कहानियां बयां करती हैं। बासोथो लोग इसे ख़ास मौकों पर शॉल की तरह इस्तेमाल करते हैं और इसे उपहार में देते हैं।
जब भी बर्फ़ीले क्षेत्र की बात होती है, यूरोप या उत्तरी अमेरिका का ख़्याल आता है। लेकिन स्नो स्पोर्ट्स स्थलों में लेसोथो का भी नाम है। अफ़्रीका के चंद स्की रेज़ॉर्ट में शामिल यहां इस महाद्वीप का सबसे ऊंचा स्की रिज़ॉर्ट है। अफ़्रिस्की नाम का ये रिजॉर्ट समुद्र तल से 3,222 मीटर की ऊंचाई पर है। मालोती माउंटेंस पर स्थित इस रिजॉर्ट पर पूरे महाद्वीप और दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। लेसोथो में एचआईवी मरीज़ों की दर सारी दुनिया में अव्वल है। यहां पांच में से एक वयस्क एचआईवी पॉज़िटिव है और अधिकांश देशों के मुकाबले यहां प्रति एक लाख आबादी पर सर्वाधिक संक्रमण है।
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, एचआईवी समस्या से उबरने के लिए 2006 से अमेरिकी सरकार ने इस देश को क़रीब एक अरब डॉलर की मदद दी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़, लेसोथो में आत्महत्या की दर भी दुनिया में सबसे अधिक है, लगभग एक लाख आबादी पर 87.5 लोग। आत्महत्या के मामले में वैश्विक औसत 9 है और लेसोथो की दर इससे 10 गुना कहीं अधिक है। इसकी सबसे बड़ी वजह ड्रग्स और शराब का सेवन, नौकरियों का कम होना और लचर मानसिक स्वास्थ्य की व्यवस्था है।











