सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय जेट मार गिराए जाने के दावो पर कहा ‘ये ज़रूरी नहीं कि विमान गिराया गया, ज़रूरी ये बात है कि ऐसा क्यों हुआ’

तारिक खान
डेस्क: भारत पाकिस्तान के बीच हुवे संघर्ष के दरमियान पाकिस्तान द्वारा लगातार भारत के राफेल विमान गिराए जाने का दावा किया जाता रहा है। इन दावो को लेकर विपक्ष भी अब सरकार से सवाल पूछने लगा है। ऐसे में यह एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सीडीएस अनिल चौहान शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर में हैं और यहीं उन्होंने ब्लूमबर्ग को ये इंटरव्यू दिया है। जिसमे जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ मई महीने में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिराए जाने के सवालों पर जवाब दिया है।

सीडीएस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जो ज़रूरी है वो ये नहीं कि जेट गिराए गए बल्कि ये कि वो क्यों गिराए गए।’ लेकिन सीडीएस ने विमानों की संख्या के बारे में कोई जवाब नहीं दिया। सीडीएस अनिल चौहान से ये पूछा गया था कि इसी महीने पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष में क्या भारत का कोई लड़ाकू विमान मार गिराया गया था। ब्लूमबर्ग टीवी ने इस इंटरव्यू का एक मिनट पांच सेकंड का एक हिस्सा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया है।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ब्लूमबर्ग टीवी की पत्रकार ने जनरल अनिल चौहान से सवाल किया कि पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने भारतीय वायुसेना के एक से अधिक विमान को गिराया था, क्या वो इसकी पुष्टि कर सकते हैं। इसका जवाब देते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा, ‘ये ज़रूरी नहीं कि जेट गिराया गया, ज़रूरी ये बात है कि ऐसा क्यों हुआ।’ इस पर पत्रकार ने उनसे एक बार फिर पूछा, ‘कम से कम एक जेट गिराया गया था, क्या ये सही है।’
जनरल अनिल चौहान ने इस पर कहा, ‘अच्छी बात ये है कि हम अपनी टैक्टिकल ग़लतियां जान पाए, हमने उसे सुधारा और फिर उसके दो दिन बाद उसे लागू किया। इसके बाद हमने अपने सभी जेट उड़ाए और लंबी दूरी के ठिकानों को निशाना बनाया।’ पत्रकार ने एक बार फिर कहा, ‘पाकिस्तान का ये दावा है कि भारत के छह लड़ाकू विमानों को गिराने में वो कामयाब रहा था, क्या उसका ये आकलन सही है?’ इसके जवाब में जनरल अनिल चौहान ने कहा, ‘ये बिल्कुल ग़लत है। लेकिन जैसा मैंने कहा ये जानकारी बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। जो महत्वपूर्ण है वो ये है कि जेट क्यों गिरे और इसके बाद हमने क्या किया। ये हमारे लिए ज़्यादा ज़रूरी है।’










