राजस्थान के भाजपा विधायक कंवर मीणा को 20 साल पुराने केस में मिली सजा के बाद ख़त्म हुई उनकी विधायकी

ईदुल अमीन

डेस्क: राजस्थान के बारां ज़िले की अंता सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक कंवर लाल मीणा की विधायकी ख़त्म कर दी गई है। ये कार्रवाई बीस साल पुराने मामले में उन्हें हुई तीन साल की सज़ा के बाद की गई है। विधानसभा ने इसकी अधिसूचना जारी की है, एक मई से उनकी विधायकी ख़त्म मानी जाएगी।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राज्य के महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकीलों से राय मांगी थी, जिसके बाद कंवर लाल मीणा की विधायकी ख़त्म करने की अधिसूचना जारी की गई है। विधायक कंवर लाल को बीस साल पहले एसडीएम पर पिस्तौल तानने के आरोप में तीन साल की सज़ा सुनाई गई थी। इसके ख़िलाफ़ विधायक ने सात मई को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी जिसे ख़ारिज कर दिया गया और दो सप्ताह में उन्हें ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए।

सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद नौ मई को ट्रायल कोर्ट से उनके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ था। कंवर लाल मीणा ने बुधवार को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट के आदेश पर उन्हें झालावाड़ की अकलेरा जेल भेजा गया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने इस फै़सला को लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत बताते हुए कहा, ‘सत्यमेव जयते’।

उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के सतत संघर्ष और कोर्ट में ‘अवमानना’ याचिका दायर किए जाने के बाद अंततः आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए विधायक कंवर लाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करनी पड़ी।’ इस पूरे मामले पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का कहना है कि, ‘महाधिवक्ता की राय शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे मिलते ही विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता खत्म कर दी गई। मैं किसी दबाव में काम नहीं करता। इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।’

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