प्रख्यात साहित्यकार साबिर हुसैन के 72वे जन्मोत्सव पर आयोजित हुआ समारोह

फारुख हुसैन

पलिया कलां (खीरी): जिले के पलिया तहसील निवासी गुदड़ी के लाल प्रख्यात बाल साहित्यकार व कथाकार स्व साबिर हुसैन की 72वी जयंती के अवसर पर पलियाड समित की ओर से पलिया के संपूर्णानगर नगर रोड स्थित पलिया मोंटेसरी स्कूल में एक कार्यक्रम के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसमें नगर के गणमान्य नागरिक साहित्यकार पत्रकार व स्कूल के छात्र-छात्राएं मौजूद  रहे।

कार्यक्रम का संचालन फुरकान अंसारी ने किया। कार्यक्रम में पलियाड समिति के अध्यक्ष अनूप गुप्ता ने कहा की  जब उनको जानकारी हुई कि भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित एक ऐसा साहित्यकार पलिया की सरजमीं पर रह रहा है, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं थी। आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि भारतेंदु हरिश्चंद्र जैसे सम्मान पाने वाले चुनिंदा लोगों में शामिल हमारे पलिया की सरजमीं पर भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि वह ऐसे साहित्यकार थे जिन्होंने हर विद्या में लिखा है बाल कहानियों से लेकर प्रौढ़ कथाएं भी उन्होंने काफी संख्या में लिखी है। यह हमारे पलिया के लिए गौरव की बात है। इसके अलावा साहित्यकार ओमप्रकाश सुमन ने कहा साहित्य के सच्चे सेवक साबिर हुसैन थे। लखीमपुर से आए चर्चित लघु कथाकार सुरेश सौरभ ने कहा साबिर हुसैन जी एक कालजयी रचनाकार थे। उन्होंने बच्चों के लिए बड़ों के लिए खूब लिखा। वह अपने समय की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में निरंतर छपते रहे।

उन्होंने कहा साबिर हुसैन की कहानियाँ समाज और देश के लिए एक धरोहर के रूप में है। वहीं पत्रकार विष्वकात़ त्रिपाठी ने कहा स्वर्गीय साबिर हुसैन जी का साहित्य हमेशा अमर रहेगा। उन्होंने जो भी लिखा है वह प्रशंसा योग्य है और उनका साहित्य ऐसा है। अगर आप अपने जीवन में उतार लेंगे तो जीवन का उद्धार हो जाएगा। वहीं वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार आरसी शुक्ला ने कहा की साबिर हुसैन एक ऐसे साहित्यकार हैं जिन्होंने कई बाल उपन्यास के साथ-साथ हजारों के हिसाब से बाल कहानी व प्रौढ़ कथाएं भी लिखी हैं। जिनका आज भी कोई सानी नहीं है। जिनको कई बड़े सम्मान भी प्राप्त हुए हैं।

पत्रकार डीपी मिश्रा ने कहा शैक्षिक योग्यता कम होने के बावजूद भी साबिर ने ऐसा लिखा जो आज मील का पत्थर साबित होता है। डॉ0 फजल अहमद ने कहा साबिर साहब की रचनाएँ बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक हैं। वही कार्यक्रम में मोबीन अहमद ने साहित्यकार साबिर हुसैन के बारे में जानकारी देते हुए अपनी कौमी एकता पर एक रचना भी सुनाई उन्होंने कहा ‘तुम चाह कर भी नफरत का बीज बो नहीं सकते, दुश्मन हो मसीहा तुम कभी हो नहीं सकते, पहचान मोहब्बत की कभी खो नहीं सकते, हिंदू व मुसलमान कभी जुदा हो नहीं सकते।’ इसके अलावा संयोजक दर्शन सिंह हिंदुस्तानी के द्वारा साबिर हुसैन के पुत्र फारुख हुसैन व आसिफ हुसैन को सम्मानित किया गया, वही स्वर्गीय साबिर हुसैन के सुपुत्र फारूख हुसैन ने कार्यक्रम का संयोजन करने वाले पलियाड समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में लखीमपुर से आए साहित्यकार सुरेश सौरभ को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्याम आनन्द, समाजसेवी आलोक मिश्रा, समाज सेवी व भाजपा नेता रवि गुप्ता, विद्यालय की प्रिंसिपल रत्ना बाजपेई ने भी अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम में लक्ष्मी नारायण गुप्ता, धर्मेंद्र सिंह अरोड़ा उर्फ बिट्टू, दाउद अहमद, शिवम, वरिष्ठ पत्रकार विष्णु गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार महबूब आलम, शाहनवाज गौरी, रमाशंकर, राजू सिंह, जाबिर अंसारी, संजय गुप्ता, फिरदौस सहित बहुत से पत्रकार व विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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