डब्ल्यूएचओ की ‘रुला देने वाली’ चेतावनी: ग़ज़ा पट्टी का स्वास्थ्य संकट ‘आने वाली कई पीढ़ियों’ तक करेगा पीछा, एक पूरी पीढ़ी होगी प्रभावित…!

मो0 सलीम

PNN24 News Desk: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस गेब्रियेसस ने गाज़ा पट्टी के स्वास्थ्य संकट को लेकर एक हृदय विदारक और गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि बम और गोलियों का शोर थमने के बाद भी, गाज़ा के लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को जो नुकसान पहुँचा है, वह “आने वाली कई पीढ़ियों तक” बना रह सकता है। यह सिर्फ युद्ध के तात्कालिक घावों की बात नहीं है, बल्कि एक पूरी पीढ़ी के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे की आहट है।

स्वास्थ्य संकट, जो पीढ़ियों तक रहेगा

डॉ. टेड्रोस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) को संबोधित करते हुए गाज़ा की भयानक स्थिति का ज़िक्र किया। उनके शब्दों में मानवीय पीड़ा और व्यवस्था के चरमराने का दर्द साफ झलकता था:

  • मानसिक स्वास्थ्य का विध्वंस: युद्ध के भयावह दृश्य, प्रियजनों को खोने का सदमा, और लगातार विस्थापन (displacement) गाज़ा के लोगों को गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेल रहे हैं। यह दर्द बच्चों के अवचेतन (subconscious) में गहरे बैठ जाएगा, जिसका असर उनके पूरे जीवन और उनकी संतानों पर भी पड़ सकता है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य पर स्थायी असर: अस्पतालों का नष्ट होना, इलाज का न मिलना और साफ़ पानी, भोजन तथा स्वच्छता (sanitation) की कमी से लाखों लोग बीमार हो रहे हैं। कुपोषण (Malnutrition) ने 60 हज़ार से अधिक 5 साल से कम उम्र के बच्चों को acutely malnourished बना दिया है। अपंगता, गंभीर बीमारियों का इलाज न मिल पाना और टीकों की कमी से एक पूरी पीढ़ी दुर्बल हो सकती है।
  • स्वास्थ्य प्रणाली का पतन: डॉ. टेड्रोस ने बताया कि गाज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली लगभग घुटनों पर आ चुकी है। जिस समय स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे अधिक समर्थन की आवश्यकता है, उस समय अस्पतालों पर हमले हो रहे हैं और सहायता सामग्री को रोका जा रहा है।

भूख, बीमारी और मौत का दुष्चक्र

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि गाज़ा में कुपोषण और बीमारी एक-दूसरे को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे रोज़मर्रा की बीमारियाँ भी बच्चों के लिए मौत का फरमान बन रही हैं।

  • रोके जा सकने वाले रोग: साफ़ पानी और स्वच्छता की कमी के कारण हैजा (Cholera), मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का ख़तरा तेज़ी से बढ़ रहा है, जबकि चिकित्सा सामग्री बॉर्डर पर अटकी पड़ी है।
  • इलाज के बिना मौत: डॉ. टेड्रोस ने भावुक अपील करते हुए कहा कि, “लोग भूखे मर रहे हैं, बीमार हैं और मर रहे हैं, जबकि भोजन और दवाएँ बॉर्डर पार बस कुछ ही मिनट की दूरी पर हैं।”
  • दशकों का पुनर्निर्माण: यहाँ तक ​​कि अगर युद्ध आज ही रुक जाए, तो भी गाज़ा के स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे को वापस पटरी पर लाने में दशकों लग सकते हैं।

डॉ. टेड्रोस की भावुक अपील

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने युद्धरत पक्षों से तत्काल युद्धविराम (Ceasefire) का आह्वान किया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए, और अस्पतालों को किसी भी कीमत पर सैन्य ठिकाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

डॉ. टेड्रोस की यह चेतावनी केवल गाज़ा के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक झकझोरने वाला संदेश है। यह दर्शाता है कि युद्ध का वास्तविक विनाश सिर्फ़ इमारतों को गिराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूरे समाज और उसकी आने वाली नस्लों की सेहत को स्थायी रूप से तबाह कर देता है। शांति ही सर्वोत्तम दवा है—और गाज़ा को इस दवा की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

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