BJP विधायक डॉ. हंसराज पर फिर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप! महिला ने कहा- ‘धमकी भी मिल रही है’

तारिक खान
PNN24 न्यूज़, शिमला (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक डॉ. हंसराज विवादों के घेरे में आ गए हैं। उन पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न और परिवार को धमकाने का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। यह पहली बार नहीं है जब विधायक हंसराज पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
क्या हैं महिला के आरोप?
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी महिला ने विधायक डॉ. हंसराज के खिलाफ खुलकर मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी है।
- यौन उत्पीड़न का दावा: महिला ने सीधे तौर पर विधायक हंसराज पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। यह आरोप एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति की छवि को गंभीर रूप से धूमिल करता है।
- धमकी और दबाव: महिला का दावा है कि जब से उसने ये गंभीर आरोप लगाए हैं, तब से विधायक और उनके समर्थक उनके परिवार के सदस्यों को धमका रहे हैं और उन पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
- न्याय की गुहार: महिला ने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा और विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विधायक हंसराज का ‘सांप्रदायिक’ पलटवार
वहीं, BJP विधायक डॉ. हंसराज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने इन आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत करार दिया है।
- आरोपों को नकारा: विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और उनका मकसद केवल उन्हें बदनाम करना है।
- ‘दंगा भड़काने’ की कोशिश: विधायक हंसराज ने इन आरोपों को एक गंभीर राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए ये आरोप ‘सांप्रदायिक दंगा भड़काने’ की एक सुनियोजित कोशिश है, ताकि क्षेत्र का माहौल खराब किया जा सके।
पहले भी विवादों में रहे हैं विधायक
यह ध्यान देने वाली बात है कि डॉ. हंसराज पहले भी इस तरह के आरोपों और विवादों के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं। उनके पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए, यह नया आरोप राजनीतिक गलियारों में खासी हलचल मचा रहा है। पुलिस ने फिलहाल महिला की शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की निष्पक्ष जांच शुरू कर दी है।
अब यह देखना होगा कि पुलिस जांच में महिला के आरोपों में कितनी सच्चाई सामने आती है और क्या विधायक हंसराज के ‘साजिश और दंगा भड़काने’ के दावे में कोई दम है। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नैतिकता और शुचिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।











