क्या मिला है उन्हें आखिर हमें रुस्वा करके, बन गये खुद ही तमाशा वो तमाशा करके।

इमरान सागर 

तिलहर-शाहजहांपुर। नगर के मोहल्ला हिन्दू पट्टी स्थित ड्योढ़ी पर बीजी रात्रि गुर्गिया चैरिटीज के तत्वावधान में होली के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। आईपीएस शिव मुरारी सहाय के संयोजकत्व में हुये कार्यक्रम में शायर शमशाद आतिफ के गजल संग्रह ’आखिर कलियां चटक गई’ का विमोचन किया गया। 

कार्यक्रम का आगाज नात-ए-पाक और सरस्वती वंदना से हुआ। प्रख्यात शायर अख्तर शाहजहांपुरी की अध्यक्षता में हुये साहित्यिक कार्यक्रम में मशहूर शायर जमील खैराबादी ने गजल कुछ यूं सुनाई-
बहुत बुलन्द फजा में तेरी पतंग सही,
मगर ये सोच कभी डोर किसके हाथ में है।
अख्तर शाहजहांपुरी ने अपनी भावनायें इस तरह व्यक्त कीं-
वरक वरक पढ़ो कितनी इबारतें लेकिन,
मुझे भी पढ़ना पड़ेगा कि हाशिया हूं मैं।  ।
हास्य व्यंग्य शायर अजमत शाहाबादी ने अपना शेर यूं सुनाया-
हम उनसे अपने दिल के रंजो गम 
कहते तो क्या कहते,
मिले वो आके हमको मरते दम
कहते तो क्या कहते।
व्यंगकार नदीम सीतापुरी ने सुनाया-
दो है माशूक मेरे दोनेा को इतवार पसंद
एक हफ्ते में दो इतवार कहां से लाऊं।
राशिद हुसैन राही ने गुनगुनाया-
किसी तूफां के आने की खबर है,
जिधर देखो इबादत हो रही है।
आगरा से आये शायर अनवर अमान ने कुछ यु गुनगुनाया-
वो जब भी प्यार में हम से गले मिले होंगे
हमारे यारों के चेहरे उतर गए होंगे।
बदायंू से आये शायर हिलाल बदायंूनी ने कहा-
मुकद्दर में हमारे कब है बिस्तर
सफर में नींद पूरी कर रहे हंै।
आगरा से पधारी शायरा शमीम कौसर ने खूब दाद हासिल की-
क्या मिला है उन्हें आखिर हमें रुस्वा करके
बन गये खुद ही तमाशा वो तमाशा करके।
सागर वारसी ने तरन्नुमी लहजे में कहा-
छोड़ते चलो सागर कुछ निशान ऐसे भी
जे हर इक मुसाफिर को दें सुराग मंजिल का।
दिल्ली से आये कवि दीक्षित दनकौरी ने सुनाया-
पसारूं हाथ क्यों आगे किसी के
तरीके और भी है खुदकुशी के।
गाजियाबाद से आये कवि गोविंद गुलशन ने कहा-
अभी सलीब पे पहंुचा अभी उतर भी गया
वो एक पल जो अजीयत का था गुजर भी गया।
आगरा से आये कवि रजनीश उपाध्याय ने कहा-
जो अपनी दुआओं से हर मुसीबत को टाल देते हंै
उन्हीं बुजुर्गांे को हम घर से निकाल देते हंै।
बरेली से आये शायर मुख्तार तिलहरी ने सुनाया- 
उदास चेहरे पे रंगे मलाल किसका है
तुम्हारे दिल में बताओ ख्याल किसका है।
इनके अलावा मेरठ के हेमंत सक्सेना, बरेली के डा. राकेश यदुवंशी, लक्ष्येश्वर राजू ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक आनंदित किया। संचालन हिलाल बदायंूनी ने किया। संयोजक शिव मुरारी सहाय व आमिर मियां ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नवनिर्वाचित विधायक रोशन लाल वर्मा, वीर विक्रम सिंह प्रिंस, तिलहर चीनी मिल जीएम अतुल खन्ना, निर्दोश गंगवार, अनंत सहाय, धनन्जय सहाय, गौरव सहाय, डा. मनोज अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, राकेश गुप्ता, सुशील बाबू, खुर्शीद खां, डा. कासिम, इकबाल हुसैन उर्फ फूल मियां, रेहान तिलहरी, अकरम तिलहरी, हमीद तिलहरी, शाने आलम गुड्डू, शमशाद आतिफ, ओमप्रकाश आर्या, सोनू खन्ना आदि उपस्थित रहे।     

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