भागलपुर बिहार – परिजनों का आरोप, इलाज में की गयी लापरवाही,मरीज की मौत के बाद हंगामा.

भागलपुर बिहार 
डॉक्टर ने अपने चहेते मरीज को दूसरी मरीज (वृद्धा) के बेड पर भरती करा दिया तो दर्द से परेशान वृद्धा करीब एक घंटे तक आइसीयू में स्ट्रेचर पर पड़ी रही. हालत बिगड़ने से वृद्धा की मौत हो गयी. आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही व भेदभाव का आराेप लगाते हुए हंगामा किया तो चिकित्सक ने गार्ड को बुलावा भेज कर लाठी चलवा दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने करीब एक दर्जन मेडिकल स्टूडेंट काे मौके पर बुलवा कर मृतका के परिजनों को धमकी भी दिलवायी.

सिकंदरपुर पानी टंकी की मनोरमा देवी (62 वर्ष) का पेनक्रियाज बढ़ा हुआ था. तकलीफ होने पर उन्हें बुधवार की सुबह आठ बजे ग्लोकल हाॅस्पिटल में भरती कर उन्हें डॉ फहीम को दिखाया गया. गुरुवार की सुबह मनोरमा देवी की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें ग्लोकल हॉस्पिटल से जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया गया. मनोरमा देवी के बेटे सुशील कुमार शर्मा के मुताबिक, उनकी मां को मायागंज हॉस्पिटल के पेइंग वार्ड के वार्ड नंबर पांच के बेड नंबर 18 (डॉ डीपी सिंह की यूनिट) पर भरती कराया गया. यहां पर चिकित्सकों ने कहा कि अभी उनकी मां का इलाज पेइंग वार्ड में चलेगा, गुरुवार की शाम को जब आइसीयू में बेड खाली होगा तो मनोरमा देवी को भरती कर दिया जायेगा. सुशील ने बताया कि शाम करीब चार बजे आइसीयू में बेड खाली हुआ तो उनकी मां को आइसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गयी. यहां तक जिस बेड पर उनकी मां को भरती करना था, उस पर चद्दर आदि भी मनोरमा देवी के परिजनों ने बिछा दिया था. आरोप है कि डॉ रोहित कुमार ने अपने किसी चहेते मरीज को मनोरमा देवी के बेड पर भरती कर दिया और सुशील से कहा कि जैसे ही बेड खाली होगा, उसकी मां को भरती कर लिया जायेगा. इसके बाद मनाेरमा देवी सायं चार बजे से आइसीयू गेट के बाहर स्ट्रेचर पर पड़ी रही. इलाज न होने के कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती रही और करीब पांच बजे मनोरमा देवी की मौत हो गयी. मौत के बाद मनोरमा देवी के परिजनों ने चिकित्सक पर भेदभाव करने एवं लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगा. हंगामा बढ़ता देख चिकित्सक ने मौके पर गार्ड बुलाया. आरोप है कि गार्ड द्वारा चलायी गयी लाठी से मृतका के बेटे सुशील शर्मा, अजय शर्मा की बेटी सुनीता शर्मा, सुषमा शर्मा समेत आधा दर्जन लोगों को चोट लगी. परिजनों के आरोपों की माने तो डॉ राेहित ने इस दौरान मौके पर करीब एक दर्जन मेडिकल स्टूडेंट को बुलाया और धमकी दिलायी. इसके बाद परिजन मनोरमा देवी की लाश लेकर अपने घर को चले गये.

डॉ आर.सी. मंडल, अधिक्षक जेएलएनएमसीएच ने हमसे बात करते हुवे कहा कि “यह भेदभाव व लापरवाही का मामला नहीं है. ये दो मरीजों के बीच की लड़ाई थी. लाठी चार्ज नहीं हुआ है. जल्द ही हॉस्पिटल के सभी हेड के साथ बैठक करके आइसीयू में भरती करने का नियम बनाया जायेगा. ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद से बचा जा सके”

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