अखबारों पर गिर सकती है आरएनआई की गाज

नई दिल्ली वीनस दीक्षित।
एच्छिक अखबारों पर भारत के समाचार पंत्रों के पंजीयक (आरएनआई) की गाज जल्द ही गिर सकती हैै। आरएनआई  ऐसे अखबारों  की सूची तैयार कर रही है जो नियमित तौर से संचालित(प्रकाशित) नहीं हो रहे है।साथी ही ऐसे अख़बार भी रद्द हो सकते है जिनकी वार्षिक रिपोर्ट  नियमित नहीं है। सरकार ने फर्जी अखबारों को चेतावनी दी है कि यदि अख़बार वालो ने तीन साल की अपनी सालाना रिपोर्ट आरएनआई को नहीं भेजी तो उनसे अखबार लाइसेंस छिन लिया जायेगा।आरएनआई की 59वीं रिपोर्ट के मुताबिक देश में सर्वाधिक हिंदी के 42493 समाचार पत्र और पत्रिकायें पंजीकृत हैं

 भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय (आरएनआई) के महानिदेशक एस एम खान ने ‘प्रेस इन इंडिया’ के लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि देश में लगभग एक लाख पांच हजार चार सौ तिरालिस समाचार पत्र और पत्रिकायें पंजीकृत हैं। लेकिन इनमें से केवल 23 हजार 394 ही अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपते हैं। शायद वे इसे गंभीर नहीं मानते हैं लेकिन यह चिंता की बात है।  खान ने कहा कि अगर कोई समाचार पत्र या पत्रिका तीन साल तक अपनी रिपोर्ट नहीं देता है तो उसके पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। उन्होंने साथ ही कहा कि आरएनआई अपने कामकाज को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के काम में जुटा है और अगले एक-दो वर्ष में पूरी प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया जायेगा।
आरएनआई की 59वीं रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष देश में समाचार पत्र-पत्रिकाओं की संख्या में 5.8 प्रतिशत की बढोतरी के साथ एक लाख पांच हजार 443 पहुंच गयी है जिनमें 14 हजार 984 अखबार और 90 हजार 459 पत्रिकायें हैं। इस वर्ष देश में 5817 नये समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का पंजीकरण हुआ जबकि 34 का पंजीकरण जब्त हुआ। देश में सर्वाधिक हिंदी के 42493 समाचार पत्र और पत्रिकायें पंजीकृत हैं। दूसरा स्थान अंग्रेजी का है जिसके 13661 समाचार पत्र और पत्रिकायें पंजीकृत हैं। 
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 16130 समाचार पत्र और पत्रिकायें हैं जबकि महाराष्ट्र में इनकी संख्या 14394 है। देश में समाचार पत्र और पत्रिकाओं का कुल सर्कुलेशन 51 करोड़ पांच लाख 21 हजार 445 है। आरएनआई का कहना है कि यह पत्र और पत्रिकाओं के दावों पर आधारित है और इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुयी है। हिंदी पत्र पत्रिकाओं का सर्कुलेशन 25 करोड़ 77 लाख 61 हजार 985 है। अंग्रेजी के पत्र पत्रिकाओं का सर्कुलेशन छह करोड़ 26 लाख 62 हजार 670 है जबकि उर्दू के लिये यह संख्या चार करोड़ 12 लाख 73 हजार 949 है। 
किसी भी भाषा में सर्वाधिक सर्कुलेशन वाला अखबार कोलकाता से बांग्ला भाषा में प्रकाशित होने वाला ‘आनंद बाजार पत्रिका’ है। इसका सर्कुलेशन 11 लाख 78 हजार 779 है। दूसरा सर्वाधिक सर्कुलेशन वाला अखबार दिल्ली से प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ है जिसकी दस लाख 18 हजार 367 प्रतियां छपती हैं। हिंदी में सर्वाधिक सर्कुलेशन वाला अखबार जालंधर से प्रकाशित पंजाब केसरी है। इस अखबार का सर्कुलेशन सात लाख 42 हजार 190 है। 
सर्वाधिक सर्कुलेशन वाला बहु संस्करणों वाला अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ है। इसके 33 संस्करणों का सर्कुलेशन 46 लाख 30 हजार 200 है। इस सूची में दूसरा स्थान दैनिक भास्कर का है जिसके 34 संस्करणों का सर्कुलेशन 36 लाख 94 हजार 385 है। सर्वाधिक सर्कुलेटेड साप्ताहिक पत्र ‘द संडे टाइम्स ऑफ इंडिया’ है जबकि हिंदी में यह मुकाम मुंबई से प्रकाशित होने वाले संडे नवभारत टाइम्स को हासिल है।

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