कानपुर – चमनगंज थानेदार साहेब अगर समय से लिया होता संज्ञान तो न होती यह अप्रिय घटना.

तारिक आज़मी.

कानपुर. कहा जाता है कि अगर पुलिस सही से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने पर उतर आये तो उस पर किसी का दबाव नहीं पड़ सकता है. इसके समाज में कई पहले भी उदहारण देखा जा चूका है. जिसमे प्रमुख किरण बेदी द्वारा प्रधानमंत्री की नो पार्किंग में खडी गाडी को क्रेन से उठवा देना सबसे प्रमुख रहा है. जिसकी मिसाल आज भी दिया जाता है. इसी कड़ी में एक घटना लखनऊ की विगत 7 माह लगभग पहले की है जब एक जिलाधिकारी के वाहन का लखनऊ में चालान कट गया क्योकि उनका सरकारी वाहन नो पार्किंग जोन में खड़ा था,

मगर लगता है कानपुर के चमनगंज थाना प्रभारी महोदय तो नवनिर्वाचित पार्षद पर भी हाथ डालने में सोच रहे है, शायद यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना उनके क्षेत्र में गुजरी और थाना प्रभारी महोदय को इसकी लिखित शिकायत भी पीड़ित पक्ष के तरफ से मिल चुकी है मगर कल देर रात से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं दिखाई दे रही है. क्योकि कार्यवाही जिसके खिलाफ बनती है वह नवनिर्वाचित पार्षद के लोग है और पार्षद महोदय सपा के एक विधायक के करीबी माने जाते है.

क्या है घटना :- 

घटना कल रात दिनांक 3 दिसंबर 2017 की है जब चमनगंज थाना क्षेत्र के फहिमाबाद डाकघर के पास नव निर्वाचित पार्षद शिब्बू अंसारी के समर्थको ने नियमो और अधिकारियो के आदेशो को ताख पर रख एक जीत का जश्न मनाना शुरू किया. इस सम्बन्ध में रात्रि 9:30 पर ही हमने समाचार प्रमुखता से पाठको के सामने वीडियो के साथ रखा और इसको उच्चाधिकारियों के ट्वीटर पर भी भेजा गया जिस पर पुलिस मुख्यालय से आदेश भी कानपुर पुलिस को आया. इसके बाद भी चमनगंज थाना प्रभारी महोदय की निंद्रा नहीं टूटी और ऐसा लगा जैसे उन्होंने खुली छुट दे रखा हो इन पार्षद समर्थको को. जबकि खुद थानेदार साहेब ने यह समाचार 9:55 मिनट तक अपने व्हात्सअप के माध्यम से पढ़ लिया था.

क्षेत्रवासियों और शिकायतकर्ता की माने तो रात जैसे जैसे घनी होती गई समर्थको का कुर्सी का नशा भी बढ़ता गया. अभी तक तो डीजे के शोर पर हुल्लड़ मचा रहे थे मगर रात बढ़ने के बाद से साहब समर्थको ने अश्लील नारे लगाने शुरू कर दिये जिसमे  प्रमुख रूप से नारा था कि शिब्बू अंसारी घोड़े पर बाकि सब ……….(अश्लील शब्द) पर. चर्चा है कि यह नारा भी डीजे के माईक का प्रयोग कर लगाया जा रहा था.

क्या हुआ जब हुआ विरोध :

जब इस बात पर क्षेत्र के कुछ संभ्रांत लोगो ने विरोध किया तो बात बढ़ने लगी. पीड़ित के अनुसार उसके विरोध करने के बाद कुछ लोगो ने हवाई फायरिंग किया. इसके बाद उसको निशाना बना कर भी फायर किया गया. मौके पर हमारे कैमरे में फायर के बाद के कारतूस के खोखे कैद हुवे जिसको आप वीडियो में देख सकते है. पीड़ित ने इस सम्बन्ध में थाना चमनगंज में लिखित शिकायत किया है. मगर शिकायत के 24 घंटे गुज़र जाने के उपरांत भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. पीड़ित ने इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे बताया कि लिखित शिकायत थाना प्रभारी को दिया जा चूका है मगर अभी तक इसके ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है. पीड़ित की शंका पर ध्यान दे तो शिब्बू अंसारी और उनके समर्थको के खिलाफ थाना प्रभारी कुछ करना नहीं चाहते है. इसके पीछे शायद शिब्बू अंसारी के राजनैतिक पकड़ का कारण हो सकता है.

अब देखना होगा कि क्या थाना चमनगंज कोई कार्यवाही करता है या फिर राजनैतिक दबाव में केस को रफा दफा करता है. अभी तक के हालात तो कुछ ऐसे ही बता रहे है कि स्थानीय थाना शायद केस को दबाने की कोशिश करे ताकि नवनिर्वाचित पार्षद शिब्बू अंसारी से बुराई न लिया जा सके. मगर साहब कानून और नियम सबके लिये एक है. किसी पार्षद जिसके ऊपर किसी सपा विधायक का कथित रूप से हाथ हो उसके लिये कानून अलग कैसे हो सकता है.,..

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