लोक गीतों से मुस्कुराया संगम

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद : संस्कृति और संस्कारों की आभा दिखाने को संगम तीरे चल रहे चलो मन गंगा जमुना तीर कार्यक्रम पूरे मेले की रौनक बढ़ा रहा है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रद्धालु ही नहीं बल्कि कला प्रेमी भी पांडाल तक पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम के छठवें दिन इलाहाबाद की प्रीतिलता श्रीवास्तव एवं उनके सहयोगियों द्वारा लोकगीत गायन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

कजरी, इलाहाबाद की प्रियंका सिंह चौहान एवं उनके सहयोगियों द्वारा, बिरहा गायन इलाहाबाद के बृजभान यादव एवं दल द्वारा सुनने को मिला। दूसरी पाली की शुरुआत इलाहाबाद जिले के गणेश श्रीवास्तव एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुत भजन से हुई। उन्होंने सबसे पहले ओम नम: शिवाय सुनाया, जिसके बाद मां गंगा की वंदना तू पार करह नईया, हे गंगा मईया प्रस्तुत किया। इनकी मनभावन प्रस्तुति के उपरात मुंबई की शीतल एवं उनके दल द्वारा लावणी नृत्य प्रस्तुत किए गए। इसी क्रम में बोनालु एवं माथुरी नृत्य तेलंगाना राज्य के वेंकटेश एवं दल द्वारा, बैगनी कर्मा एवं सुआ नृत्य रायपुर के संतोष निषाद एवं दल द्वारा, हिमाचल के लोक नृत्य बालकराम एवं दल द्वारा, लाईहरोबा, ढोलचोलम, स्टिक डास एवं मार्शल आर्ट, मणिपुर की गीता देवी द्वारा, रणप्पा-चढ़ैया एवं शखवादन उड़ीसा के एस वेंकटराव रेड्डी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन)प्रवीण कुमार ने किया।

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