PNN24 News सुल्तानपुर कादीपुर से हरिशंकर सोनी की रिपोर्ट-आई ये डालते हैं सुल्तानपुर की कुछ खास खबर पर नजर

दुष्कर्म आरोपी कोटेदार व अपहरण आरोपी की जमानत खारिज

गैर इरादतन हत्या के आरोपी को मिली राहत

सुलतानपुर। दुष्कर्म,किशोरी के अपहरण एवं गैर इरादतन हत्या के मामले में कोटेदार समेत तीन आरोपियों की तरफ से अदालतों में जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। जिस पर सुनवाई के पश्चात जिला जज ने गैर इरादतन हत्यारोपी को राहत दी है,वहीं शेष आरोपियों की जमानत अर्जी अदालतों ने खारिज कर दी।
पहला मामला धम्मौर थाना क्षेत्र के स्थानीय कस्बे से जुड़ा है। जहां के रहने वाले सुधीर कश्यप ने बीते 11 जुलाई की घटना बताते हुए स्वयं,अपनी मां कुसुमादेवी,भाई पवन समेत अन्य पर प्राणघातक हमला करने के आरोप में गांव के ही आरोपीगण विजय कुमार,विपिन,अशोक पर मुकदमा दर्ज कराया। हमले में आयी चोटों की वजहों से अभियोगी की मां कुसुमा की मौत हो गयी। जिसके चलते आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ोत्तरी की गयी। इसी मामलें में आरोपी विपिन की तरफ से जिला जज की अदालत में जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। जिस पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अपराध को गंभीर बताते हुए जमानत पर विरोध जाहिर किया,वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवशंकर सिंह व राय शिवेंद्र सिंह ने मृतका को आयी चोटों पर अभियोजन की कोई स्पष्ट स्थिति न होने का तर्क रखते हुए आरोपों को निराधार बताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपी की जमानत मंजूर कर ली।
दूसरा मामला लंभुआ थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए पीड़ित महिला ने कोटेदार मक्खन लाल निवासी ग्राम केनौरा पीपरपुर के खिलाफ धोखे से ले जाकर दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में कोटेदार मक्खन लाल की तरफ से जिला जज की अदालत में जमानत पर सुनवाई चली। जिसे जिला जज उमेशचंद्र शर्मा ने खारिज कर दिया।
तीसरा मामला कुड़वार थाना क्षेत्र के मनियारपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अजीत कुमार के खिलाफ अभियोगी ने बीते पांच मार्च की घटना बताते हुए अपनी 15 वर्षीय पुत्री को बहलाकर उसे दूसरे के हाथ बेच देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट आरपी सिंह ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी।

अपहरण व धमकी में चार बरी,अब चलेगा वादिनी पर केस

झूठा साक्ष्य पेश करने पर जिला जज ने की कार्यवाही

सुलतानपुर । अपहरण व धमकी के मामले में जिला जज की अदालत ने चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। वहीं अदालत ने मिथ्या साक्ष्य पेश करने के चलते अभियोगिनी के खिलाफ नोटिस जारी कर केस चलाने का आदेश दिया है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के भट्टी जरौली गांव से जुड़ा है। जहां की रहने वाली मैमुन निशा ने 20 सितम्बर 2010 की घटना बताते हुए गांव के ही आरोपीगण वकील अहमद,मुन्ना उर्फ कादिर,अब्दुल लतीफ,अब्दुल हमीद व आशिक अली के खिलाफ अपहरण व धमकी समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। मामले का विचारण जिला जज की अदालत में चला। दौरान विचारण आरोपी अब्दुल हमीद की मौत हो चुकी है। शेष के खिलाफ चल रहे ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं गवाहों को पेश किया,वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने अपने तर्कों को पेश कर आरोपियों को बेकसूर बताया और उन्हें दोषमुक्त किये जाने की मांग की। मामले में उभयपक्षों के बीच सांटगांठ होने की भी बात सामने आयी। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात जिला जज उमेशचंद्र शर्मा ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी वकील अहमद,मुन्ना,अब्दुल लतीफ व आशिक अली को बरी कर दिया है,वहीं अदालत ने सच बोलने की शपथ लेकर अदालत में झूठी गवाही देने वाली अभियोगिनी मैमुन निशां के खिलाफ नोटिस जारी कर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता आैर मुवक्किल में हुआ विवाद,पुलिस ने युवक को किया परिजनों के सुपुर्द

सुलतानपुर। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामूली कहासुनी को लेकर अधिवक्ता व मुवक्किल में भिड़ंत हो गयी। जिसके चलते उसे अधिवक्ताओं के कोपभाजन का शिकार भी होना पड़ा। घटना की सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस उसे बचाकर ले गयी तो उसे परिजनों के सुपुर्द किया गया। मालूम हो कि सोमवार को एसीजेएम प्रथम की अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता व किसी काम से दीवानी आये राज शुक्ला सुत अनिल शुक्ला निवासी अन्नू बैजल थाना गौरीगंज के बीच मामूली कहासुनी हो गयी। कहासुनी धीरे-धीरे विवाद के रूप में बदल गयी तो सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने राज शुक्ला को पुलिस कस्टडी में कराने का निर्देश दिया। उस दौरान राज शुक्ला तो बच गया,लेकिन वहां से हटते ही उसे अधिवक्ताओं के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। मामला कोर्ट के संज्ञान में आया तो नगर पुलिस को राज शुक्ला को सुरक्षित ढंग से उसके परिजनों को सुपुर्द कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी। जिस पर पहुंची पुलिस ने राज शुक्ला को अधिवक्ताओं के बीच से निकालकर कोतवाली ले आयी आैर उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। कोतवाल नन्द कुमार तिवारी ने बताया कि राजू शुक्ला को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है,मामले में किसी पक्ष पर कोई कार्यवाही नही हुई है।

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