चिकित्सक की लापरवाही से नवजात की मौत का आरोप लगा परिजनों ने दिया अधिकारियो को शिकायती पत्र, किया कार्यवाही की मांग

फारुख हुसैन

पलियाकलां- खीरी। जनपद के सृजन हॉस्पिटल में चिकित्सकों की लापरवाही से एक प्रसूता महिला की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था कि पलिया तहसील के भीरा कस्बे में स्थित वनबीट दशमेश चैरिटेबिल हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर में चिकित्सक की लापरवाही से एक नवजात शिशु की मौत हो जाने का मामला सामने आ गया। जिससे गुस्साए परिजनों ने बीते दिवस जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर चिकित्सक एवं अस्पताल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है।

जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया को दिए गए प्रार्थना पत्र में संजय गुप्ता पुत्र स्वर्गीय राम मूर्ति गुप्ता निवासी मोहल्ला बाजार, पलियाकलां ने बताया है कि उसने अपनी पुत्रवधू दीक्षा गुप्ता पत्नी आयुष गुप्ता का गर्भावस्था में सीएचसी पलिया में 28 जनवरी को शिशु के जन्म से पूर्व जांच कराकर अस्पताल का मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड बनवाया था।

उन्होंने बताया कि सीएचसी पलिया में संविदा पर कार्यरत डॉ शिल्पी श्रीवास्तव द्वारा दीक्षा का इलाज चल रहा था। सोमवार को प्रसव के तेज दर्द के समय जब उसने डॉ शिल्पी श्रीवास्तव से संपर्क किया, तो उन्होंने उन्हें पलिया से 12 किलोमीटर दूर स्थित वनबीट दशमेश चैरिटेबिल हॉस्पिटल में बुलाया। जिस पर वह अपनी पुत्रवधू को डिलीवरी कराने के लिए अस्पताल पहुंच गया। उन्होंने बताया कि काफी देर इंतजार करने के बाद भी न तो वहां कोई नर्स ही आई और न ही डॉ शिल्पी श्रीवास्तव पहुंची।

वनबीट हॉस्पिटल में उनकी पुत्रवधू दर्द से कराहती रही, जिसके थोड़ी देर बाद दीक्षा के स्वत: ही प्रसव हो गया। जिसके कारण पुत्रवधू की तो शारीरिक हालत खराब हुई ही ,साथ ही शिशु के पैदा होते ही उसे गंभीर हालत देखते हुए मशीन में रख दिया गया। हॉस्पिटल के शिशु चिकित्सक डॉक्टर अंजनी ने उसे 24 घंटे तक मशीन में रखने की सलाह दी, किंतु डॉ शिल्पी श्रीवास्तव द्वारा उसको कुछ घंटे बाद ही मशीन से हटा दिया गया। इससे बच्चे की हालत बिगड़ने लगी।जिस पर उसे बरेली ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने वनबीट दशमेश चैरिटेबिल हॉस्पिटल भीरा में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते नवजात शिशु की मौत हो जाने को लेकर शुक्रवार को डीएम व अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर प्रार्थना पत्र दिया और आरोपी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। इस सम्बंध में जब सीएससी पहुंचकर डॉ शिल्पी श्रीवास्तव से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया ,तो वह सीएससी में मौजूद नहीं मिली।

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