न्यूज़ीलैंड सरकार का सराहनीय क़दम, आतंकी हमले के एक महीने के अंदर बनाया कड़ा क़ानून

आदिल अहमद

न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों में हुए आतंकवादी हमले के एक महीने से कम समय में ही इस देश की संसद ने सैन्य शैली के हथियार रखने को ग़ैर-क़ानूनी घोषित करने वाला विधेयक, बुधवार को पारित कर दिया है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, न्यूज़ीलैंड की संसद ने एक के मुक़ाबले 119 मतों से एक विधेयक पारित किया है जिसमें ऑटोमेटिक और सेमीऑटोमेटिक हथियारों के रखने को अवैध क़रार दिया गया है जबकि मौजूदा बंदूकों को संशोधित करने के काम आने वाले उपकरणों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। न्यूज़ीलैंड की जनता और इस देश की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने जिस तरह आतंकवाद के ख़िलाफ़ स्टैंड लिया है उसको पूरी दुनिया में पहले से ही सराहा जा रहा है और अब इस देश की संसद ने आतंकवाद को रोकने के लिए एक और कड़ा क़दम उठाया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑटोमेटिक और सेमीऑटोमेटिक हथियारों पर प्रतिबंध के क़ानून बनने से पहले इस विधेयक को शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के गवर्नर जनरल की मंज़ूरी की ज़रूरत है जो सिर्फ एक औपचारिकता मात्र है। न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने विधेयक पारित होने के बाद कहा कि जिन घायलों से भी उन्होंने बात की उन्होंने कई गोलियां लगने के बारे में बताया। यह ऐसे घाव हैं जिनके भरने में कुछ दिन नहीं बल्कि एक लंबा समय लगेगा। वह विकलांगता को जीवन भर ढोंएगे। हम यहां उनके के लिए हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं समझ पा रही हैं कि बड़े पैमाने पर विनाश और मौत का कारण बनने वाले हथियारों को इस देश में कैसे वैध रूप से प्राप्त किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि शुक्रवार को इस विधेयक के क़ानून बनने के बाद अगर कोई हथियार रखता पाया गया तो उसे पांच साल जेल में गुज़ारने पड़ेंगे।

ज्ञात रहे कि 22 मार्च 2019 का दिन न्यूज़ीलैंड के लिए इसलिए भी यादगार बन गया है क्योंकि जुमे की नमाज़ के लिए होने वाली आज़ान, जुमे का भाषण और नमाज़ इस देश के सरकारी टीवी चैनल से सीधे प्रसारित की गई। इस नमाज़ में शामिल इस देश की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न सहित सभी ग़ैर मुस्लिम महिलाएं अपने सरों को ढांके हुईं थीं। न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की थी। 15 मार्च 2019 शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों पर एक आतंकवादी ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके हमला किया था जिसमें 50 लोग शहीद हुए और 50 के क़रीब घायल हुए थे।

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