दाइश को किसने दिए थे टोयोटा के 60,000 हज़ार पिक-अप ट्रक?

आदिल अहमद

 विश्व के सबसे ख़ूंख़ार और समृद्ध आतंकवादी गुट दाइश के हाथ जापानी कंपनी टोयोटा के हज़ारों पिक-अप ट्रक कैसे लगे थे?
यही सवाल कार बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़े कंपनी से क्या गया था, तो उसने अपनी एक रिपोर्ट में इसका रहस्योद्घाटन किया था।

: टोयोटा की रिपोर्ट में कहा गया था कि सऊदी अरब, क़तर, संयुक्त अरब इमारात और जॉर्डन ने उससे 60,000 पिक-अप ट्रक ख़रीदे थे, जिन्हें बाद में सीरिया और इराक़ में हिंसा में लिप्त दाइश के आतंकवादियों के हवाले कर दिया गया।
2014 के बाद, दाइश ने इराक़ और सीरिया में ख़ून की ऐसी होली खेली जिसका उदाहरण पूरे इतिहास में नहीं मिलता।
इस आतंकवादी गुट को जहां विश्व की कुछ बड़ी ताक़तों का समर्थन हासिल था, वहीं यह अपने क़ब्ज़े वाले इलाक़े से तेल बेचकर, देह व्यापार को बढ़ावा देकर और मानव तस्करी द्वारा करोड़ों और अरबों डॉलर कमा रहा था।
2014 और 2015 में इस गुट के आतंकवादी हाथों में काला परचम लिए एक साथ सैकड़ों ट्रकों पर नज़र आते थे, इन ट्रकों पर भारी मशीन गन जैसे घातक और आधुनिक हथियार भी होते थे।


टोयोटा कंपनी की कस्टमर्स लिस्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने उससे 22500, क़तर ने 32000, यूएई ने 11650 और जॉर्डन की सेना ने 4500 ट्रकों की ख़रीदारी की थी। यहां तक कि जॉर्डन की सेना ने कंपनी को इसका भुगतान करने के लिए सऊदी अरब की कई बैंकों से लोन भी लिया था।
टोयोटा से ख़रीदे गए इन ट्रकों में से एक बड़ी संख्या को दाइश के हवाले कर दिया गया था।
सूत्रों का कहना था कि दाइश को टोयोटा के 60 हज़ार ट्रक प्राप्त हुए थे।
इन अरब देशों ने दाइश के लिए केवल ट्रक ही नहीं ख़रीदे थे, बल्कि अमरीका समेत कई पश्चिमी देशों से अरबों डॉलर के हथियार भी ख़रीदे थे।
इराक़ और सीरिया में दाइश की जब हार होने लगी तो इन सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात ने इस्राईल के सहयोग से दाइश को बचाने के लिए अपना बहुत कुछ दांव पर लगा दिया था।

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