प्यास बुझाने वाली नदिया हो रही है खुद प्यासी, ग्रामीणों ने गड्ढो में पानी भर कर दिया पशु पंक्षियों के पानी पीने का इंतज़ाम

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी। भीषण गर्मी में जिले में बहने वाली कठिना नदी कई जगहों पर सूख गई। घमहा घाट पुल के पास पानी न रहने और एक गड्डे में भरे पानी के जहरीला होने से दर्जनों पक्षियों की मौत हो गई। इसको देखकर गांव के रहने वाले वन्यजीव प्रेमियों ने गड्डा खेादा और उसमें बोरिंग से पानी भर कर उस क्षेत्र में रह रहे पशु पक्षियों की प्यास बुझा कर नई मिसाल पेश की है। मोहम्मदी (महेशपुर)रेंज में कठिना नदी जगह जगह सूख गई है। पशु पक्षी प्यासे मर रहे है।कठिना नदी के किनारे कई चिड़िया प्यासी मर गई। मवेशियों को भी पानी नही मिल रहा है। जिसको देखकर वन्य जीव प्रेमी सामने आए और नदी के किनारे गड्ढा बनाकर बोरिंग से पानी भरा।

पानी भरा देखकर चिड़िया चह चहाने लगी। गांव के लोगों ने बताया कि कठिना नदी जगह जगह सूख गई है। नदी के किनारे गढ्ढो में जो पानी भरा है वह जहरीला हो गया है जिसको पीकर कई चिड़िया मर गई। इसकी सूचना चरवाहों ने इब्राहिम पुर के बीडीसी सदस्य राम कुमार वर्मा और प्रधान राम विलास को दी। रामकुमार ने बताया कि हम लोगों ने जब घमहा घाट पुल के पास जाकर देखा तो बन्दर भी प्यासे चीख रहे थे और आधा दर्जन से अधिक चिड़िया गड्ढे के पास मरी पड़ी थी। ऐसा लग रहा था कि गड्ढे में पानी बहुत कम था जिस कारण वह जहरीला हो गया था।पशुओ और पक्षियों के प्रेमी राम कुमार ने पानी गड्ढा साफ करवाकर बड़ा करने के काम शुरू कर दिया।

उनके इस प्रयास में अन्य वन्य जीव प्रेमी सामने आए और करीब पांच फीट गहरा गड्ढा बना कर तैयार कर दिया। इसमें घमहा घाट के गंगा राम की बोरिंग से अंग्रेज सिंह ने अपना इंजन लगाया और राम कुमार डीजल मंगाकर गड्ढे को पानी से भर दिया। प्रधान राम विलास ने बताया कि रोज गड्ढे को भरा जायेगा ताकि इलाके का कोई पशु पक्षी प्यासा न रहे। इस कार्य में राकेश गोस्वामी,माधव राम,श्याम लाल, सुनील,पुनीत कुमार,प्रवीण कुमार,विनोद कुमार,सुरेश पाल का विशेष सहयोग रहा।

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