बोले सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ज़फरयाब जिलानी – हम फैसले से संतुष्ट नही है, फैसला तथ्यों के आधार पर नही हुआ

संजय ठाकुर

नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पांच जजों की पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया। कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए। कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिलेगी। फिलहाल अधिकृत जगह का कब्जा रिसीवर के पास रहेगा। पांचों जजों की सहमति से फैसला सुनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वह फैसले से संतुष्‍ट नहीं हैं। बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘कुछ गलत तथ्‍य पेश किए गए हैं हम उनकी जांच करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है हम उसका सम्‍मान करते हैं। पूरे देश को शांति बनाए रखनी चाहिए।

जिलाने कहा कहा, ‘फैसला हमें बाबरी मस्जिद नहीं देता, जो हमारे हिसाब से गलत है। हमारे लिए पांच एकड़ जमीन के कोई मायने नहीं हैं। हम फैसले से जरा भी संतुष्‍ट नहीं हैं। हम नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं’। इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार किया जाएगा।

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