कानपुर – जुआ की फड़ पर रकम लेने पहुचे दरोगा जी ने मार दिया पूर्व बीडीसी सदस्य को गोली, पहले से मृतक पर कई अपराधिक मुक़दमे, आरोपी दरोगा गिरफ्तार

आदिल अहमद

कानपुर. यूपी पुलिस में कुछ पुलिस कर्मियों की ठोक डालो की निति ने अब अपने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पुलिस के एक दरोगा पर आरोप लगा है कि जुवे की फड़ पर अवैध वसूली के दौरान उसने एक पूर्व बीडीसी सदस्य जिसकी पृष्ठभूमि अपराधिक रही है को गोली मार दिया। गोली लगने से उसकी मौत हो गई है। मामले में पुलिस ने आरोपी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा पुलिस ने दो अन्य नामज़द आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि नामज़द आरोपी ही मृतक को घर से बुलाकर लेकर गए थे।

मामला घाटमपुर के भदरस गांव में शुक्रवार शाम का है। जहा जुआ की फड़ से वसूली करने पहुंचे दरोगा ने पूर्व बीडीसी सदस्य अपराधी पृष्ठभूमि के पप्पू बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार सुबह गांव के बाहर खेत में पप्पू का खून से लथपथ शव पड़ा मिला। परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर पुलिस ने नामजद दो आरोपियों के साथ दरोगा प्रेमवीर सिंह यादव को भी गिरफ्तार कर लिया। उसकी पिस्टल जब्त कर फोरेंसिंक जांच को भेज दी है। दरोगा के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। घटनास्थल से पिस्टल की गोली का खोखा भी बरामद हुआ।

घटना के सम्बन्ध में पूरन बाजपेई ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब सात बजे गांव के ही निवासी दुर्गा सिंह उनके लड़के पप्पू बाजपेई (45) को जुआ खेलने के लिए घर से ले गया था। वो रात को घर नहीं लौटा। शनिवार सुबह गांव के बाहर खेत में पप्पू का शव पड़े होने की सूचना गांव निवासी फौजी सोनकर ने दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची। पूरन सिंह की तहरीर पर पुलिस ने दुर्गा सिंह, सोनू सिंह, धीरेंद्र और बड़का पर अगवा कर हत्या, साक्ष्य मिटाने समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया।

इसके बाद ग्रामीणों ने सादे कपड़ों में पहुंचे दरोगा प्रेमवीर सिंह यादव पर गोली मारने का आरोप लगाया था। देर शाम पुलिस ने दरोगा की गिरफ्तारी कर लिया है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दरोगा की पिस्टल से एक गोली चलाई गई है। उसको गिरफ्तार कर लिया गया है। सिपाही दीपांशु को लाइन हाजिर किया गया है। घटनास्थल पर वो भी दरोगा के साथ मौजूद था।  ग्रामीणों का आरोप है कि जुआ की फड़ लूटने पुलिसकर्मी पहुंचे थे। तभी कुछ विवाद हो गया तो दरोगा प्रेमवीर ने पप्पू को गोली मार दी। उसके बाद वह फरार हो गया। पुलिस ने जब पप्पू के परिजनों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि गांव निवासी दुर्गा पप्पू को लेकर गया था।

इसी आधार पर पुलिस ने उनसे तहरीर लेकर दुर्गा समेत अन्य चार पर केस दर्ज कर दिया। इधर तमाम नेता थाने में डेरा डाल निष्पक्ष कार्रवाई की मांग करने लगे। काफी हद तक अफसरों ने दरोगा को बचाने का प्रयास किया लेकिन जब खुद पर सवाल उठने लगे तब देर शाम करीब सात बजे प्रेमवीर को गिरफ्तार कर लिया।  पुलिस ने नामजद आरोपी वीरेंद्र और बड़का को भी गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ जारी है। मगर दरोगा की गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला ही उलट गया है। नामजद आरोपियों की किसी तरह की भूमिका है भी या नहीं, अभी ये  स्पष्ट नहीं हो सका है। वो घर से पप्पू को ले गए थे, इसलिए उन पर परिजनों ने केस दर्ज कराया था। पुलिस को आशंका है कि दरोगा के साथ मिलकर आरोपियों ने साजिश रची है। उन्होंने ही दरोगा को बुलाया। फिलहाल जांच जारी है।

क्या कहता है पोस्टमार्टम

डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पैनल में घाटमपुर सीएचसी के डॉ। नरसिंह राजपूत व बिधनू सीएचसी के डॉ। राजेश कुमार शामिल थे। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पप्पू को सीने पर सटाकर गोली मारी गई। इसलिए रिपोर्ट में ब्लैकनिंग आया है। गोली आरपार हो गई। लिवर पंचर हो गया और अधिक खून बहने से मौत हो गई।

घटना के सम्बन्ध में आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने अपने ब्यान में कहा है कि  मृतक के परिजनों की तहरीर के आधार पर चार लोगों पर नामजद केस दर्ज किया गया है। ग्रामीणों ने दरोगा पर गोली मारने का आरोप लगाया है। जांच में दरोगा के खिलाफ साक्ष्य मिले, इसलिए तुरंत उसकी गिरफ्तारी की गई है। दो नामजद आरोपी भी गिरफ्तार हैं। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

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