नुह्मेवात में हिन्दुओ के साथ कथित अत्याचार से सम्बन्धित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, कहा अखबारों की खबरों के आधार पर दाखिल है याचिका

तारिक खान

नई दिल्ली: हरियाणा के मुस्लिम बहुल जिले नूंह मेवात में हिंदुओं पर कथित अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये याचिका अखबारों की खबरों के आधार पर दाखिल की गई है। हम इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे। इस जनहित याचिका में हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन, हिंदुओं की संपत्तियों की जबरदस्ती गैरकानूनी बिक्री और  हिंदू लड़कियों पर अत्याचार की एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की गई है। साथ ही केंद्र सरकार को नूंह मेवात में अर्धसैनिक बल तैनात करने का आदेश देने की मांग भी की गई है।

याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री और चार अन्य ने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिए दाखिल याचिका में कोर्ट से कहा था कि हरियाणा के नूंह मेवात में रह रहे हिंदुओं की दशा खराब है। उनके जीवन व स्वतंत्रता, धार्मिक आजादी आदि मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाए। इसमें कहा गया है कि नूंह मेवात में मुस्लिम बहुतायत में हैं और उनका दबदबा है। वे लगातार हिंदुओं के जीवन और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस कानून का इस्तेमाल करने में नाकाम रहे हैं, इस कारण हिंदू दहशत में जीने को मजबूर हैं ।

याचिका में कहा गया है कि नूंह मेवात में करीब 431 गांव हैं, जिनमें से 103 गांव पूरी तरह हिंदू विहीन हैं। 82 गांवों में सिर्फ चार-पांच हिंदू परिवार हैं और मेवात में उनकी आबादी तेजी से घटी है। इससे जनसंख्या का स्वरूप बदल रहा है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा होगा।  कहा गया है कि वहां बड़ी संख्या में हिंदुओं को उनके घरों से बेदखल किया गया।  हिंदुओं विशेषकर दलितों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। हिंदू महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार हुआ।

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