कोई गैर नही बल्कि दोस्तों ने ही रेत दिया था परवेज़ का गला: वाराणसी की लोहता पुलिस ने किया महज़ 48 घंटे के अन्दर क़त्ल का सफल खुलासा, आला-ए-कत्ल सहित दो गिरफ्तार  

मो0 सलीम/टीपू खान

वाराणसी: दो दिन पहले भीटारी गांव के रेलवे ट्रैक पर एक युवक का शव मिला था। इस घटना के पीछे इलाके में हत्या की चर्चा थी और आखिरकार तथ्य भी सामने आ ही गए। जिस युवक का शव पटरियों के बीच पड़ा मिला था, उसकी पहचान परवेज़ (22) के रूप में हुई थी। महज़ 48 घंटो के अन्दर इस कत्ल की घटना का पुलिस ने सफल खुलासा करते हुवे कत्ल के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार दोनों अभियुक्त मृतक के दोस्त बताये जा रहे है।

गिरफ्तार दोनों अभियुक्त मृतक के दोस्त बताये जा रहे है। बताया जा रहा है कि घटना को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। इस मामले में पुलिस ने घटना में शामिल दो युवकों शहजादे व ताहिर, को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से आला-ए-कत्ल उस चाकू को भी बरामद किया है जिससे कत्ल किया गया था। पुलिस को आरोपियों के पास से मोबाइल, ब्लूटूथ व दो हजार रुपया भी बरामद हुआ है।

गिरफ़्तारी के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार ट्रैक पर परवेज के शव को देख कर ही पुलिस ने ये अंदाजा लगा लिया था कि ये आत्महत्या नही बल्कि एक साजिशन किया हुआ कत्ल है। मगर पुलिस ने कत्ल के मुलजिमो को भी गुमराह रखने के गरज से ऐसा दिखाया जैसे पुलिस अभी भी पेशोपेश में है कि ये ख़ुदकुशी है या फिर कत्ल। वही दूसरी तरह इसको क़त्ल के तौर पर देख थानाध्यक्ष राजेश सिंह ने क़त्ल के इस मामले का खुलासा करने के लिए मुखबिरों का जाल बिछाया और अपने साथ एसआई सुशील पाण्डेय और संदीप सिंह सहित हेड कांस्टेबल दीपक सिंह, शिवा जी, अजीज कुमार, सत्य प्रकाश, विनय यादव की टीम बना कर सुरगाशी करना शुरू कर दिया।

आखिर पुलिस को कामयाबी मिली और आज सुबह 6 बजे मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने धन्नीपुर मोड़ से दो युवक जो पुलिस को देख कर भागने की कोशिश कर रहे थे कि दौड़ा कर पकड़ लिया। पकडे गए दोनों युवक शहजादे पुत्र हकीम निवासी महमूदपुर व ताहिर पुत्र स्व0 मुस्तफा उर्फ बाबू लाल निवासी महमूदपुर लोहता जिला वाराणसी है। पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि 17 तारीख की शाम 6 बजे परवेज की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। शहजादे ने बताया कि मृतक परवेज मुझे गांव की एक लड़की जिससे मेरा प्रेम प्रसंग है से बात करते देख लेता और उसके परिजनों से बता देता था। उसकी इस हरकत से नाराज़ शहजादे ने उसको मारने की पूरी प्लानिंग अपने चचेरे भाई के लड़के ताहिर के साथ मिल कर बनाया।

प्लानिंग के तहत परवेज़ को शहजादे ने घटना वाले दिन भीटारी के पास बुलाया और गन्दा नाला के पास ले गया। जहाँ ताहिर के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों ने मिलकर रेलवे ट्रेक के बीच मे परवेज़ के शव को इसलिए लेटा दिया ताकि लोग ट्रेन दुर्घटना समझ सके। मृतक के पिता गुलाम सबीर  की तहरीर पर पुलिस ने 302, 201 आईपीसी में दोनों आरोपियों पर विधिक कार्यवाही करते हुवे अदालत में पेश किया जहा से अदालत ने न्यायिक हिरासत में दोनों को जेल भेज दिया।

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