केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा “टेनी” के पुत्र आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मिला बड़ा झटका, नही मिली ज़मानत

आफताब फारुकी

लखीमपुर (खीरी): केंद्रीय मन्त्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू को लखीमपुर हिंसा प्रकरण में एक बड़ा झटका सुप्रीम कोर्ट से मिला है जब आज अदालत ने मोनू की ज़मानत याचिका पर फैसला देते हुवे कहा है कि ट्रायल कोर्ट 29 नवंबर या उसके एक हफ्ते के भीतर आरोप तय करने पर फैसला सुनाए। इसके बाद 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में अब सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। ट्रायल कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है। लिहाजा ट्रायल कोर्ट उसी दिन या उसके एक हफ्ते के भीतर आरोप तय करें। पीड़ितों की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि अपराध “पूर्व नियोजित” था। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया था। पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 26 जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली मिश्रा की याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें उसकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था वो दस महीने से जेल में है और सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर पहले नोटिस जारी कर चुका है।

हाईकोर्ट पहले जमानत दे चुका था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।  यूपी सरकार ने अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया है। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि लखीमपुर मामले में 4 किसानों की मौत हो गई थी।

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