संघ नेता राम माधव ने सत्यपाल मलिक के बयान ‘संघ नेता द्वारा रिश्वत की पेशकश’ पर भेजा सत्यपाल मलिक को मानहानि की नोटिस

तारिक़ खान

नई दिल्ली: आरएसएस नेता राम माधव ने जम्मू कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल सत्यपाल मलिक को उस मामले में मानहानि की नोटिस भेजा है जिसमे सत्यपाल मलिक ने एक युट्यूब चैनल को अपने साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि अम्बानी की फाइल को पास करने के लिए राम माधव ने उनको 300 करोड़ रिश्वत की पेशकश किया था। सत्यपाल मलिक के इस साक्षात्कार के बाद से सियासी हडकंप मच गई थी।

इस इंटरव्यू में मलिक ने आरोप लगाया था कि माधव ने स्वास्थ्य बीमा योजना के सौदे में उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया था, जिसमें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत शामिल थी। अक्टूबर 2021 में मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे, तब आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने उन्हें ‘अंबानी’ से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में मलिक ने आरएसएस के पदाधिकारी का नाम राम माधव बताया था।

मलिक ने यूट्यूब चैनल डीबी लाइव के साथ एक इंटरव्यू के दौरान विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, धारा 370 को निरस्त करने, अडानी समूह पर लगे आरोपों और उच्च शिक्षा संस्थानों पर आरएसएस के प्रभाव पर चर्चा की थी। इंटरव्यू 9 अप्रैल को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।

इसके बाद मंगलवार (11 अप्रैल) को कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां उन्होंने इंटरव्यू चलाया और पूछा कि सत्यपाल मलिक के आरोपों के बाद सीबीआई या ईडी राम माधव के दरवाजे पर दस्तक क्यों नहीं दे रही है? पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था, ‘सीबीआई या ईडी राम माधव के दरवाजे पर क्यों नहीं दस्तक दे रही है, जबकि एक पूर्व राज्यपाल ने उन्हें बेनकाब कर दिया है।’ खेड़ा ने कहा था कि सीबीआई ने अपने मुख्यालय में पूर्व राज्यपाल मलिक से खुलकर पूछताछ की थी, लेकिन राम माधव को अब तक पूछताछ के लिए क्यों नहीं बुलाया गया।

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