जांच में पेपर लीक होने की पुष्टि के बाद 15 मार्च को आयोजित बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई रद्द

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए 15 मार्च को आयोजित परीक्षा रद्द कर दी गई है। शिक्षकों की भर्ती के लिए इस परीक्षा का संचालन बिहार लोक सेवा आयोग कर रहा है। लेकिन इसके प्रश्न पत्र लीक हो जाने की वजह से परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। शिक्षकों की भर्ती के लिए 15 मार्च को तीसरे चरण की परीक्षा दो पारियों में आयोजित की गई थी।

पटना की आर्थिक अपराध इकाई ने इस संबंध में एफ़आईआर भी दर्ज की थी। जांच में परीक्षा के पहले की प्रश्न पत्र लीक होने के सुबूत मिलने के बाद इस परीक्षा को रद्द करने का फ़ैसला बीपीएसी ने लिया है। इस परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। इससे पहले पटना के आर्थिक और साइबर अपराध विभाग ने पाया था कि परीक्षा के दिन सुबह ही हज़ारीबाग में सैकड़ों की संख्या में परीक्षार्थी इकट्ठा होकर उत्तर को याद कर रहे हैं।

इस छापेमारी में मोबाइल फ़ोन, प्रिंटर, लैपटॉप और पेन ड्राइव भी ज़ब्त किए गए थे। बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी हसनैन ख़ान ने मीडिया को बताया है कि इस मामले में अब तक 266 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। इसके अलावा इस अपराध की जड़ें बिहार से बाहर भी होने की संभावना है।

हसनैन ख़ान के मुताबिक़, ‘बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में विशाल कुमार मुख्य अभियुक्त है जिसे हमने गिरफ़्तार किया है। वह पहले भी ओडिशा में एक प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ़्तार हो चुका है। उसके साथ जो लोग गिरफ़्तार हुए हैं उनके संबंध दूसरे राज्यों से भी हो सकते हैं।’ फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और हसनैन ख़ान के मुताबिक़ प्रश्न पत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ है यह अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है। इसकी जानकारी जाँच के बाद ही मिल पाएगी।

शुरू में बीपीएससी ने प्रश्न पत्र लीक होने की बात से इनकार किया था, लेकिन परीक्षार्थियों के लगातार दबाव के बाद बीपीएससी ने परीक्षा रद्द कर दी। प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिलने के बाद छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चला रखा था और आंदोलन करने की धमकी तक दी थी। बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने मीडिया को बताया कि 15 मार्च को जो परीक्षा आयोजित की गई थी उसके तहत 80 हज़ार से ज़्यादा शिक्षकों की बहाली होनी थी। इसमें कक्षा एक से पाँच और छठी से आठवीं तक के शिक्षकों की बहाली होनी थी।

अमित विक्रम के मुताबिक़, ‘पहले तो बीपीएससी प्रश्न लीक होने की बात से ही इनकार कर रहा था। हमने 21 मार्च को पटना में बीपीएससी दफ़्तर के बाहर आंदोलन की धमकी दी थी तब जाकर परीक्षा रद्द की गई है। अब हम आंदोलन को रोक रहे हैं।’ अमित विक्रम ने आरोप लगाया है कि अगर प्रश्न पत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ है तो यह जानकारी किसी को कैसे मिली कि प्रश्न कहाँ छप रहे हैं, इसमें जो कोई भी शामिल है उसकी सही जाँच होनी चाहिए।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *