कोर्ट रूम में मोबाइल इस्तेमाल करने पर अदालत ने लगाईं अर्नब गोस्वामी को फटकार, अदालत ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत भेजा

आफताब फारुकी

मुंबई: रिपब्लिक टीवी’ के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढती दिखाई दे रही है। आज अदालत ने जहा उनको जमकर फटकार लगाईं है वही उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। साथ ही आज ही अर्नब पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। ये मुकदमा एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित मारपीट करने के आरोप का है। अर्नब पर आरोप है कि गिरफ़्तारी की कार्यवाही के दरमियान अर्नब ने महिला अधिकारी से मारपीट किया है।

गौरतलब हो कि 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार की सुबह पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान अर्नब ने दावा किया था कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी किया है। वरिष्ठ पत्रकार को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है दरअसल वह साल 2018 का है। साल 2018 के मई महीने में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक औऱ उनकी मां कुमुद नाईक ने अलीबाग के अपने घर मे खुदकुशी कर लिया था। मरने के पहले अन्वय ने सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था। उनमें से एक नाम अर्नब गोस्वामी का भी था।

अर्नब पर आरोप था कि उन्होंने दफ़्तर का काम करवाने के बाद उनके 83 लाख रुपये नहीं दिए। पुलिस ने खुदकुशी का मामला दर्ज कर जांच शुरू किया, लेकिन बाद में केस बंद कर दिया गया। राज्य में सरकार बदलने के बाद पीड़ित परिवार ने एक बार फिर से मुद्दा उठाया और न्याय की गुहार लगाई। मई महीने में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जांच सीआईडी को सौंप दी। इसी मामले में आज सुबह अलीबाग पुलिस अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया। पुलिस के मुताबिक मामले में दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। एक नितेश सारडा जिस पर खुदकुशी नोट में 55 लाख रुपये बाकी होने का आरोप है दूसरा फिरोज शेख, जिस पर 4 करोड़ रुपये बाकी होने का आरोप है।

क्या कहती है राजनैतिक पार्टियाँ

सरकार में शामिल कांग्रेस, NCP और शिवसेना ने इसका स्वागत किया है। जबकि बीजेपी इसे तानाशाही बता रही है। आरोप है कि सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत को अर्नब ने मुद्दा बनाकर मुंबई पुलिस और ठाकरे सरकार को घेरना शुरू किया था। इसलिए बदले की भावना से  सरकार ये कार्रवाई कर रही है। इस दरमियान कुछ शहरों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया है। भाजपा इसको लोकतंत्र की हत्या बता रही है। जबकि कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने इस मुद्दे को इन्साफ की जीत कहा है।

क्या हुआ आज अदालत में

खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में अर्नब गोस्वामी को अलीबाग कोर्ट में आज पेश किया गया। अदालत ने अर्नब को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में दिया है। इस तरह अब अर्नब गोस्वामी 18 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। बुधवार की सुबह गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बाद में महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित मारपीट करने के आरोप में एक और ऍफ़आईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि बुधवार की सुबह जब उनके निवास पर पुलिस पहुची तो उन्होंने कथित तौर पर महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट किया। गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353,504 और 34 के तहत  एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। अदालत में पेशी के दौरान मोबाइल प्रयोग करने पर अर्नब को अदालत ने जमकर फटकार भी लगाईं।

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