ब्लाक के बाहर हुई घटना का देखे वायरल वीडियो – पलिया में सपा की महिला प्रत्याशी और प्रस्तावक के साथ अभद्रता, कपडे फाड़ने के प्रयास का आरोप

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी जिले के तहसील पलिया में ब्लाक प्रमुख के चुनाव के नामांकन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के प्रस्तावक के रूप में नामाकंन के दौरान पुलिस प्रशासन के सामने ही कुछ अराजक तत्वों के द्वारा छीना झपटी व दुरव्यवहार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रकरण में वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना को लेकर महिला प्रस्तावक ने तहरीर पुलिस को प्रदान किया है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया है।

सपा समर्थित प्रत्याशी रितु सिंह का आरोप है कि योजनाबद्ध तरीके से उन्हें नामांकन से रोकने का प्रयास किया गया। ब्लॉक परिसर के बाहर ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें और उनकी प्रस्तावक को घेरकर बदसलूकी की। उन दोनों के कपड़े तक फाड़े गए। आरओ कक्ष में उनका नामांकन पत्र फाड़ा गया। घटना के बाद डीएम ने मामले में संयुक्त जांच के आदेश दिए हैं।

घटना के सम्बन्ध में मिले समाचारों के अनुसार पसगवां ब्लॉक में बृहस्पतिवार को तीन प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने पहुंचे। भाजपा सांसद रेखा वर्मा की करीबी व पार्टी की प्रत्याशी कु। शिखा सिंह और सांसद रेखा वर्मा की मां व निवर्तमान प्रमुख उर्मिला ने पर्चा दाखिल किया। जब सपा समर्थित प्रत्याशी रितु सिंह नामांकन कराने पहुंचीं तो गेट के बाहर ही खड़े लोगों ने रितु सिंह की प्रस्तावक अनीता देवी का हाथ पकड़कर उनसे बदसलूकी करते हुए उन्हें रोक लिया। इस बीच रितु सिंह के साथ में मौजूद सपा नेता क्रांति सिंह को कुछ लोग पकड़कर जबरन बाहर खींच ले गए, जबकि तमाम अन्य लोग ब्लॉक परिसर में दाखिल हो गए। सपा समर्थित प्रत्याशी रीतू सिंह को नामांकन कक्ष में जाने से रोकने के लिए उनसे मारपीट और छीना झपटी की गई।

मामले में एसपी को तहरीर देते हुए रितु सिंह पत्नी धर्मवीर सिंह ने कहा है कि वे सेमरा जानीपुर थाना पसगवां की रहने वाली हैं। बृहस्पतिवार को जब वह नामांकन कराने जा रही थीं तो भाजपा समर्थकों ने उन्हें और उनकी प्रस्तावक अनीता देवी को रोकते हुए उन दोनों की साड़ी खींची और दुर्व्यवहार किया। इस दौरान दोनों के कपड़े तक फट गए। रितु सिंह ने आरोप लगाया है कि उनका बैग भाजपा कार्यकर्ता बृज सिंह निवासी जेबी गंज व यश वर्मा निवासी मकसूदपुर ने छीन लिया, जिसमें 7500 रुपये और जेवर थे। छीना छपटी में उनके कान के झाले आरोपियों ने नोच लिए।

रितु सिंह का कहना है कि किसी तरह वह और प्रस्तावक वहां से बचकर नामांकन कक्ष में दाखिल हुईं और अपना पर्चा जमा किया। आरोप है कि आरओ से नामांकन पत्र छीनकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसे फाड़ दिया और उन्हें नामांकन नहीं करने दिया गया। बताया कि जब उनका हाल जानने एमएलसी शशांक यादव, डॉ। आरए उस्मानी और डॉ। जुबेर आदि मौके पर पहुंचे तो उन्हें बीच रास्ते में ही रोकर भाजपा कार्यकर्ता हिंसा पर आमादा हो गए और उन्हें रोक लिया। मौके पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी और भाजपा सांसद व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा तथा मोहम्मदी विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। दूसरी तरफ मामले में सांसद रेखा वर्मा की कोई प्रतिक्रिया नही आई है।

अराजकता के दौरान कड़ी सुरक्षा के बावजूद सत्तारूढ़ दल से जुड़ा एक युवक आरओ बुद्धप्रिय सिंह की मेज से नामांकन फाइल लेकर भाग गया। रितु सिंह का कहना है कि युवक ने आरओ से उनका नामांकन पत्र मांगा, जिस पर आरओ बुद्ध प्रिय सिंह ने युवक को उनका नामांकन पत्र दे दिया, जिसे उसने फाड़ दिया। उधर, एक युवक नामांकन कक्ष से फाइल ले जाते हुए कैमरे में कैद हुआ है, जबकि तहसीलदार विकासधर दुबे का दावा है कि फाइल युवक से ले ली गई है, उसमें अन्य प्रत्याशियों के भी अभिलेख थे।

एसपी विजय ढुल ने प्रकरण में मीडिया से बात करते हुवे कहा है कि “तहरीर के आधार पर नामजद अभियुक्त व वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। जल्द ही अभियुक्तों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा।“ वही राजनैतिक प्रतिक्रियाओं की बात करे तो सपा जिलाध्यक्ष रामपाल यादव ने मीडिया को बताया कि “बीडीओ के कक्ष में एआरओ बैठे थे, उसी रूम में सांसद रेखा वर्मा और विधायक लोकेंद्र प्रताप बैठे थे और उसी कमरे में 50-60 कार्यकर्ता थे। जैसे ही रितु सिंह ने पर्चा दिया, पर्चा आरओ के हाथ में था। वहीं पर भाजपा कार्यकर्ता ने आरओ से छीनकर पर्चा फाड़ दिया। पुलिस और प्रशासन की सहमति से यह तांडव हुआ है। सारी पुलिस और अधिकारी मूकदर्शक बनी रही। हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।“ जबकि भाजपा के जिलाध्यक्ष का कहना है कि “मामूली धक्का मुक्की हुई है और कुछ नहीं हुआ है। भाजपा नारी जाति का सम्मान करने वाली पार्टी है। सपा के मुंह से नैतिकता की बातें अच्छी नहीं लगतीं।‘

भले ही भाजपा जिलाध्यक्ष इस प्रकरण को मामूली धक्का मुक्की कहे मगर वायरल हो रहा वीडियो कुछ और ही बयान कर रहा है। एक महिला के साथ इस प्रकार की अभद्रता कोई सभ्य समाज उम्मीद भी नही कर सकता है। सियासत चंद रोज़ की ही रहती है मगर संस्कार हमारे रहती दुनिया तक याद रखे जाते है। हम ये नही कह रहे कि ये अभद्रता करने वाले कौन है, अथवा कौन नहीं है। मगर मामला तो ये है कि एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। पंचायत चुनावों में होने वाली छोटी मोटी घटनाए आम होती है। मगर इस घटना को छोटी घटना का नाम नही दिया जा सकता है।

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