बलात्कार की शिकायत दर्ज करने में लगाया सिगरा पुलिस ने एक महीना से अधिक, सुलह-दर-सुलह के बाद अब बलात्कार पीडिता इन्साफ के लिए देख रही राह, दर्ज हुआ बलात्कार पीडिता पर भी मुकदमा

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि महिला उत्पीडन की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए। वही दूसरी तरफ वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए0 सतीश गणेश ने भी अपने मतहतो को साफ़ साफ़ निर्देश दे रखा है कि महिला उत्पीडन के मामले में तत्काल कार्यवाही किया जाए। मगर इसी वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की सिगरा पुलिस ने बलात्कार जैसे मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए एक महीने से अधिक समय बिता दिया।

पहले सुलह फिर दर सुलह के बाद आखिर अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दुबे ने जब इस मामले में संज्ञान लिया तो सिगरा पुलिस ने एक महीने बाद आखिर मुकदमा दर्ज किया। मगर इन्साफ की इस जंग में अभी पीडिता के सामने मुश्किलें काफी खडी है। मुकदमा दर्ज होने के बाद अतिव्यस्त सिगरा पुलिस ने 164 का बयान करवाने में ही 20 दिनों का समय ले लिया। इस दरमियान आरोपी के पिता ने उल्टे अदालत के आदेश से पीडिता पर ही मुकदमा दर्ज करवा दिया है। अब सिगरा पुलिस पीडिता को इन्साफ देती है या फिर बलात्कार पीडिता को ही जेल भेजती है ये बड़ा सवाल इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है प्रकरण ?

सिगरा थाना क्षेत्र के लल्लापुरा की निवासिनी पीडिता की शिकायतों को आधार माने तो उसके संपर्क में लोहता निवासी सलमान खान आया था। लोहता थाने के पास मस्जिद के नीचे अलमारी-कूलर बेचने की दूकान चलाने वाले सलमान ने पीडिता को अपने प्रेम पाश में फंसा कर उससे शादी का वायदा करके उसका शारीरिक शोषण करना शुरू किया। पीडिता के आरोपों को आधार माने तो सलमान उसको कैंट और इंगलिशिया लाइन के होटल में लेकर जाता था। इसके बाद तीन महीने तक हुकुलगंज में किराय का मकान लेकर बतौर पति-पत्नी रहता था। इस दरमियान पीडिता को गर्भ ठहर गया तो सलमान ने उसकी मर्जी के बगैर ज़बरदस्ती पीडिता का गर्भपात करवा दिया। पीडिता के अनुसार गर्भपात के बाद से शादी का वायदा करने वाला सलमान उससे दुरी बनाने लगा और उसका फोन उठाना कम कर दिया।

पीडिता का आरोप है कि इस प्रकरण में उसने 16 फरवरी को सिगरा थाने पर अपने साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की शिकायत लिखित रूप से किया। पीडिता का आरोप है कि स्थानीय माताकुण्ड चौकी इंचार्ज विजय प्रकाश ने आरोपी को थाने बुलवा कर एक लिखत समझौता 18 फरवरी को करवाया कि 3 दिन में सलमान पीडिता से शादी कर लेगा। पीडिता का आरोप है कि इस समझौते के बाद पुलिस रोज़ आज कल कह कर उसको टालती रही, जबकि दूसरी तरफ पीडिता पर सलमान के परिवार और उसके साथी पीडिता पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाल रहे थे और धमकी दे रहे थे कि अगर शिकायत नही वापस लिया तो मामले अंजाम बुरा होगा।

एक महीने की मशक्कत के बाद सिगरा पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

पीडिता का आरोप है कि इस दरमियान वह रोज़ थाने का चक्कर लगाती रही मगर मामले में माताकुण्ड चौकी इंचार्ज विजय प्रकाश द्वारा कोई भी कार्यवाही नही किया जा रहा था। बार बार उसको एक दो दिनों का वक्त देकर बुलाया जाता रहा। आखिर थक कर पीडिता ने अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दुबे को पत्र देकर इन्साफ की गुहार 17 मार्च को लगाया। जिसके बाद अपर पुलिस आयुक्त के सख्ती पर सिगरा पुलिस ने 17 मार्च को रात में मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी इन्साफ की राह आसान नही थी। पीडिता के अनुसार जिस दिन से मुकदमा दर्ज हुआ उस दिन से आरोपी सलमान और उसके पारिवारिक सदस्यों द्वारा मुकदमा वापस न लेने पर झूठे मामले में जेल भेज देने की धमकियां मिल रही थी। सिगरा पुलिस का ढुलमुल रवैया इसी से समझ में आने लायक है कि 17 मार्च को हुवे मुक़दमे में सीआरपीसी 164 का बयान पुलिस ने 6 अप्रैल को करवाया।

पीडिता का आरोप है कि इस दरमियान पुलिस द्वारा मिली इतनी छुट का फायदा उठाते हुवे सलमान और उसके परिजनों ने षड़यंत्र के तहत उसके खिलाफ अदालत में 156(3) के तहत झूठा अवैध वसूली का आरोप लगाते हुवे मुकदमा दर्ज कर दिया। पीडिता का आरोप है कि माताकुण्ड चौकी इंचार्ज विजय प्रकाश उसके प्रकरण में इतना ढीला रवैया इस कारण अपना रहे थे कि आरोपी पक्ष को मौका मिल जाए और वह अपनी झूठे मुक़दमे में फंसाने की धमकी को सच कर सके। आखिर हुआ भी कुछ इसी तरह और सुलहनामे में गवाहों को भी नामज़द करते हुवे आरोपी सलमान के परिजनों ने अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज करवा दिया है। पीडिता का आरोप है कि अब पुलिस उसको इंसाफ दिलवाने के जगह उलटे उसको ही परेशान करना शुरू कर चुकी है।

क्या मिलेगा इन्साफ जा पीडिता बनेगी आरोपी और जाएगी जेल?

मामले में अब क्षेत्र में चर्चाओं का दौर जारी है। कयास लगाया जा रहा है कि इस प्रकरण में बलात्कार पीडिता को इंसाफ मिलेगा या फिर वह खुद आरोपी बनकर जेल जाएगी। क्षेत्र में चर्चाओं का दौर ज़बरदस्त गर्म है। वही पीडिता की माने तो मामले में सभी साक्ष्य प्रकरण के विवेचक माताकुण्ड चौकी इंचार्ज को दिया जा चूका है। पुलिस दोनों होटल में भी पूछताछ कर चुकी है। गर्भपात के सभी कागज़ात और गर्भ धारण करने का भी साक्ष्य पुलिस के पास मौजूद है। मगर 20 दिन तक बलात्कार पीडिता का बयान न करवाना सिगरा पुलिस के कार्यशैली पर बड़ा सवालियां निशाँन लगा रहा है। वही प्रकरण में सिगरा इस्पेक्टर का बयान है कि मामले में विवेचना जारी है। दुसरे पक्ष के तरफ से अदालत के आदेश पर अवैध वसूली जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर ऍफ़आईआर हो गई है। दोनों मामलो में विवेचना प्रचलित है। जल्द ही निष्पक्ष कर्यव्हाई होगी।

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