प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणी पर बोले सांसद कपिल सिब्बल ‘अब तक चुनाव आयोग ने कार्यवाही क्यों नही की है?

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: पीएम मोदी की मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणी पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा है कि अब तक चुनाव आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की है? कपिल सिब्बल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, आप भाषण दे रहे हो कि महिलाओं के गहने और संपत्ति कांग्रेस पार्टी घुसपैठियों को देगी। क्या 20 करोड़ लोग इस देश के मायने नहीं रखते?’

उन्होंने कहा कि ”इतनी गिरावट राजनीति में आ जाए…। ना तो हुआ है हिंदुस्तान की राजनीति में। ना मैं चाहता हूं ऐसा हो। चुनाव आयोग ने तुरंत कदम क्यों नहीं उठाया? ये जो भाषण है इसकी आपको निंदा करनी चाहिए। मोदी को नोटिस भेजना चाहिए। चैनलों को ये आदेश देना चाहिए कि ये दोहराया ना जाए। चुनाव आयोग को ये नहीं भूलना चाहिए कि उसने संविधान की शपथ ली है। भेदभाव के साथ ऐसे भाषण का साथ देंगे?’

रविवार को राजस्थान में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा था, पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बाँटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बाँटेंगे, घुसपैठियों को बाँटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस भाषण की आलोचना की है और कहा है कि प्रधानमंत्री नफ़रत के बीज बो रहे हैं।

कांग्रेस का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और देश का संविधान यहां सभी धर्म और जाति के नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है। पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के जिस बयान का ज़िक्र किया, वो मनमोहन सिंह ने साल 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाषण दिया था। मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं- कृषि, सिंचाई-जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक सार्वजनिक निवेश की ज़रूरतें। साथ ही अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों के उत्थान के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाएं और बच्चों के लिए कार्यक्रम।’

उन्होंने कहा था, ‘अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है। हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके। इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए। केंद्र के पास बहुत सारी ज़िम्मेदारियां हैं और ओवर-ऑल संसाधनों की उपलब्धता में सबकी ज़रूरतों का समावेश करना होगा।’ ध्यान देने वाली बात यह है कि मनमोहन सिंह ने यह भाषण अंग्रेजी में दिया था और उन्होंने अधिकार या हक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था, जबकि उन्होंने अंग्रेजी में ‘क्लेम’ शब्द का इस्तेमाल किया था।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *