रोहित वेमुला आत्महत्या प्रकरण में पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय में जमकर लगे छात्रो द्वारा स्मृति इरानी के विरोध में नार्रे, पुलिस ने कहा ‘हम दुबारा जांच करेगे,’ रोहित के भाई राजा से किया सीएम ने निष्पक्ष जाँच का वायदा

तारिक़ खान

डेस्क: रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट के बाद हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार की रात बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के खिलाफ नारे लगाए। छात्र रोहित वेमुला मामले में दायर पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट का विरोध कर रहे हैं।

शुक्रवार से ही यह दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने अपनी क्लोज़र रिपोर्ट में सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी है। रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में मीडिया में चल रही ख़बरों पर तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी किया है। तेलंगाना पुलिस के डीजीपी का कहना है कि इस मामले में पहले आई क्लोज़र रिपोर्ट पर आगे जांच की जाएगी। पहले हुई जांच पर रोहित वेमुला की मां और उनके क़रीबियों के सवाल उठाए जाने पर तेलंगाना पुलिस ने यह फैसला लिया है।

शुक्रवार को कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई थीं जिसमें बताया गया था कि तेलंगाना पुलिस ने रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाख़िल की है जिसमें सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई है। क्लोज़र रिपोर्ट के मुताबिक़, तेलंगाना पुलिस की जांच में पाया गया कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और उनकी मां ने फर्ज़ी प्रमाण पत्र बनवाया था। तेलंगाना के डीजीपी की ओर से इस मुताल्लिक अब एक बयान जारी किया गया है।

बयान में कहा गया है कि, ‘रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया में कई रिपोर्ट्स चल रही हैं। जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है वो 2018 में तैयार की गई थी और उसे जांच अधिकारी के सामने 21 मार्च 2024 को पेश किया गया था। जो जांच हुई है उस पर रोहित वेमुला की मां द्वारा सवाल उठाए गए हैं और इसलिए हम इस मामले में आगे जांच करेंगे। जांच आगे बढ़ाने को लेकर संबंधित न्यायलय में याचिका दाखिल करके अनुमति ली जाएगी।’

बताते  चले कि 17 जनवरी 2016 को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 26 वर्षीय दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। रोहित युनिवर्सिटी में आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य थे। वो कैंपस में दलित छात्रों के अधिकार और न्याय के लिए भी लड़ते रहे थे। रोहित और चार अन्य दलित छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया था। आत्महत्या मामले में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बंडारु दत्तात्रेय के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी और उन पर एससी-एसटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

बंडारु दत्तात्रेय ने अगस्त, 2015 में मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी को पत्र लिखा था। विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे अंबेडकर स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने भाजपा से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष सुशील कुमार के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की थी। इसके बाद दत्तात्रेय ने यह पत्र लिखा था। दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया था।

दत्तात्रेय के पत्र के बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को एक पैनल बनाने का आदेश दिया था जिसने निलंबन का फ़ैसला किया था। इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और सिंकदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन रामचंदर राव, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव को अभियुक्त बनाया गया था। साल 2018 की इस क्लोज़र रिपोर्ट के साल 2024 में सामने आने के बाद सभी अभियुक्तों को दोष मुक्त पाया गया है जिस पर अब तेलंगाना पुलिस ने आगे की जांच की बात कही गई है।

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