अमन साहू: एक हार्डकोर नक्सली कैसे और कब बन बैठा कुख्यात डॉन, बिश्नोई गैंग से कैसे हुआ कनेक्शन और उसके नाम की दहशत का क्या था आलम

तारिक आज़मी
डेस्क: लॉरेंस बिश्नोई का करीबी कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू जो पिछले तीन महीने से रायपुर के जेल में बंद था। रांची के बरियातू में कोयला कारोबारी पर हुए हमले और हजारीबाग में एनटीपीसी डीजीएम के मर्डर मामले में पूछताछ करने उसको झारखंड पुलिस रांची रिमांड पर लेकर आ रही थी। रास्ते में पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अमन साहू ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश करने लगा जिसके बाद मंगलवार को पुलिस ने अमन साहू की फायरिंग का जवाब देते हुवे फायरिंग किया जिसमे आतंक के पर्याय बना अमन साहू मारा गया।

अमन साहू झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती था। उसके गिरोह के निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर थे। अमन इनसे लगातार रंगदारी वसूल रहा था। बात नहीं मानने वालों पर खुलेआम गोलियां भी चलवाता था। इसके बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर और वर्चुअल नंबर से मीडिया को जानकारी भी देते थे कि घटना को उनके ही गिरोह ने अंजाम दिया है।
करीब ढाई साल पहले कोरबा में अमन साहू गैंग के लोगों ने बरबरीक ग्रुप के पार्टनर के घर के बाहर फायरिंग की थी। हाल ही में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को अमन साहू गैंग से ही धमकी मिली थी, जब उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई के सफाया करने का दावा किया था। आरोप है कि अमन साहू ने कुछ शूटर रायपुर भी भेजे थे। उसकी हिट लिस्ट में शहर के कई बिजनेसमैन के होने का दावा भी किया जाता था। इसके बाद रायपुर पुलिस ने इस गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
बताया जाता है कि गैंगस्टर अमन साहू का फेसबुक अकाउंट अमन सिंह नाम का शख्स कनाडा से ऑपरेट करता है, जबकि दूसरा अकाउंट मलेशिया से सुनील राणा नाम का शख्स देखता है। राजस्थान का रहने वाला सुनील मीणा लॉरेंस का दोस्त है। फिलहाल सुनील मीणा अजरबैजान पुलिस की गिरफ्त में है। उसके प्रत्यार्पण को लेकर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ये भी कहा जाता है कि अमन साहू लॉरेंस बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था, जिसके बदले में उसे लॉरेंस की ओर से हाईटेक हथियार मिलते थे, जिनके दम पर वो झारखंड-बिहार-छत्तीसगढ़ में उगाही और रंगदारी करता था।
अमन साहू रांची के ठाकुरगांव के समीप मतबे गांव का रहने वाला था। उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह एक समय में हार्डकोर नक्सली भी था। करीब 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था। इंटरनेट मीडिया फेसबुक पर उसने कई बार हथियार लहराकर फोटो भी पोस्ट किया था।










