संभल जामा मस्जिद प्रकरण: हाई कोर्ट ने एएसआई से कहा ‘एक सप्ताह के भीतर बाहर से सफेदी करवाए और समुचित लाइटिंग की करे व्यवस्था’

तारिक खान

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट की जस्टिस तोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने आज एएसआई को साफ़ साफ़ शब्दों में निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर ही मस्जिद की बाहरी दीवारों की पुताई और उचित लाइटिंग की व्यवस्था करे। साथ ही निर्देश दिया है कि लाइटिंग मस्जिद को बिना कोई क्षति पहुचाये किया जाए।

बताते चले कि मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने एएसआइ से रमजान के उपलक्ष्य में सफेदी मरम्मत लाइटिंग की अनुमति मांगी थी। एएसआइ ने इसकी अनुमति से इन्कार कर दिया था। तब हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने एएसआइ की तीन सदस्यीय समिति से रिपोर्ट मांगी थी। उसने कहा था कि साफ सफाई कराई जा सकती है, सफेदी और मरम्मत की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने तब सफाई की अनुमति दे दी थी। कहा था कि यह काम एएसआइ ही कराएगी। इससे पहले एएसआइ ने सफेदी और मरम्मत की जरूरत से इन्कार किया था और कहा था कि साफ सफाई कराई जा सकती है। तब कोर्ट ने सफाई कराने के लिए कहा था। आज कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने यदि 1927 के करार का उल्लघंन किया तो एएसआइ या सरकार ने करार निरस्त करने का नोटिस क्यों नहीं दिया?

अदालत ने कहा कि करार के तहत जब एएसआइ को राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण का अधिकार है तो अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी पूरी क्यों नहीं की? कमेटी कैसे सफेदी कराती रही? मामले में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी। मस्जिद कमेटी की तरफ से 10 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में कहा गया कि बाहरी सफेदी, मरम्मत व लाइटिंग पर हलफनामे में एएसआइ ने कुछ नहीं कहा है। इस पर कोर्ट ने एएसआइ से जवाब मांगा था।

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