पहलगाम हमले के चश्मदीद ने किया बड़ा खुलासा, कहा ‘खच्चर वालो ने हम लोगो की मदद किया, उन्होंने सभी घायलों की सहायता किया’

तारिक खान

डेस्क: कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में घायल हुवे मुंबई के सुबोध पाटिल बाल बाल बचे है। इस घटना के बाद कल एक नॅशनल चैनल से बात करते हुवे सुबोध पाटिल ने जमकर खच्चर चलाने वालो की तारीफ किया। सुबोध पाटिल को भी आतंकियों की गोली लगी थी और वह घायल हुवे थे। उन्होंने बताया कि किस तरीके से खच्चर वालो ने उनकी मदद किया और उन्हें अस्पताल पहुचाया।

पहलगाम स्थित सेना अस्पताल में इलाज कराने के बाद 60 साल के सुबोध पाटिल गुरुवार (1 मई) की रात अपनी पत्नी के साथ नवी मुंबई के कामोठे स्थित अपने घर लौटे। इस दौरान सुबोध पाटिल उस खौफनाक मंजर को याद कर भावुक हो गए और उन्होंने हमले के बाद घायलों की मदद करने वाले खच्चर वालों को धन्यवाद दिया। सुबोध पाटिल ने कहा, ‘गर्दन में गोली लगने के कारण मैं बेहोश हो गया था। जब मुझे होश आया तो मैंने अपने आसपास लाशें पड़ी देखीं। मुझे चलते हुए देखकर खच्चर वालों का एक समूह मेरे पास आया और मुझे पानी पिलाया।’

उन्होंने कहा, ‘हमने जिस खच्चर वाले की सेवा ली थी, वह भी उनमें से एक था। उस खच्चर वाले ने कहा था कि मेरी पत्नी सुरक्षित है। एक अन्य व्यक्ति ने मुझे खड़े होने में मदद की, मुझे सहारा देने के लिए अपना कंधा दिया और पूछा कि क्या मैं चल सकता हूं।’ उन्होंने कहा कि खच्चर वाले उनका हिम्मत बंधा रहे थे। पाटिल के मुताबिक खच्चर वाले उन्हें परिसर के बाहर ले गए और बैठने के लिए एक खाट दी। उन्होंने कहा, ‘कुछ समय बाद वे एक गाड़ी लेकर आए और मुझे भारतीय सेना के चिकित्सा केंद्र ले गए। वहां से मुझे हेलीकॉप्टर से ले जाया गया और सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।’

पाटिल ने हमले के बारे में कहा, ‘आतंकवादियों ने सभी हिंदू पर्यटकों को एक कतार में खड़े होने को कहा। इसके बाद कतार में खड़े पर्यटकों ने आतंकवादियों से रहम की गुहार लगाई, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई और जिसने भी विरोध करने की कोशिश की, उसे तुरंत गोली मार दी गई।’ पाटिल ने निकटवर्ती न्यू पनवेल टाउनशिप के निवासी देसाले को भी याद किया, जो उस दिन हमले में महाराष्ट्र के मारे गए छह पर्यटकों में से एक थे। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों एक साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे।’ पाटिल ने कहा कि देसाले ने रोपवे की सवारी का विकल्प चुना और पत्नी के साथ पारंपरिक कश्मीरी पोशाक में तस्वीरें भी खिंचवाईं। सब कुछ पांच मिनट में हुआ, लेकिन वह उन पांच मिनट को कभी नहीं भूल पाएंगे।

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