बारिश न होने से किसान बेहाल, भीषण गर्मी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, खेत सूखे, उल्लुओं की संख्या भी बनी मुसीबत

उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड (बलिया): क्षेत्र में लगातार बढ़ते तापमान और बारिश की कमी ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। जून महीने की शुरुआत के बाद भी मानसून की बेरुख़ी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेत सूखे पड़े हैं, बीज बोने की तैयारी अधर में लटक गई है। धान की खेती पर निर्भर किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है।

गर्मी का असर सिर्फ खेतों तक ही सीमित नहीं है। आम लोगों का जीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तेज धूप और उमस से लोग दोपहर के समय घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे, बाजार के दुकानदार और मजदूरी करने वाले लोग खासे परेशान हैं। बिजली की आंख-मिचौली ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। कृषि विभाग और मौसम विभाग की चुप्पी भी चिंता का कारण बनी है.

किसानों का कहना है कि अभी तक कृषि विभाग की ओर से कोई राहत योजना या सुझाव नहीं मिला है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी लगातार असफल हो रही है। किसान संगठन मानसून की देरी को लेकर सरकार से बीमा सुविधा और सहायता की मांग कर रहे हैं। बेल्थरारोड में लोग अब टकटकी लगाए आसमान की ओर देख रहे हैं कि जल्द ही बारिश की बूंदें इस तपते मौसम को राहत दें और किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटे।

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