ईरान की अदालत ने 9 आईएसआईएस सदस्यों को सुनाई सजा-ए-मौत

आदिल अहमद
डेस्क: ईरान की न्यायपालिका ने ‘नौ आईएसआईएस सदस्यों को फांसी दे दी है।’ फ़ांसी पर चढ़ाए गए लोगों के नाम, पहचान और मुक़दमे व फांसी के समय की घोषणा नहीं की गई है। ईरानी न्यायपालिका से जुड़ी ख़बरें देने वाली एजेंसी मिज़ान ने कहा है कि इन दोषियों को फ़रवरी 2017 में पश्चिमी ईरान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के साथ झड़प में गिरफ़्तार किया गया था। आईआरजीसी ने उस समय कहा था कि उस झड़प में उसके तीन अधिकारी मारे गये थे।

इनमें 2018 में फांसी पर चढ़ाए गए आठ लोग भी शामिल हैं, जिन्हें न्यायिक अधिकारियों ने आईएसआईएस का सदस्य बताया था और ईरानी संसद भवन और अयातुल्लाह ख़ुमैनी की समाधि पर हमले के मामले में दोषी ठहराया था। 2014 में भी शीराज़ (ईरान का एक शहर) में दो लोगों को फांसी दे दी गई थी, जब ईरान ने उन्हें आईएसआईएस का सदस्य घोषित किया था और शाह चिराग़ दरगाह पर हमले के लिए जिम्मेदार बताया था।
मिज़ान समाचार एजेंसी का कहना है कि दोषी ठहराए गए लोगों पर ‘हथियार रखने, आईआरजीसी अधिकारियों के साथ झड़प करने और उनमें से तीन की हत्या करने के मामले में दस्तावेज़ों, बयानों और प्रतिवादियों के बयानों के आधार पर मुक़दमा चलाया गया और मौत की सजा सुनाई गई।’ मिज़ान के अनुसार, इन व्यक्तियों के मामलों की सुनवाई तेहरान रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ने की है। तेहरान रिवॉल्यूशनरी कोर्ट ईरान की एक विशेष अदालत है, जिसकी स्थापना 1979 की क्रांति के बाद हुई थी। यह अदालत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों, ख़ासकर उन मामलों पर फै़सला सुनाती है जो क्रांति के बाद ईरान के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे को चुनौती देते हैं।











