सीएचसी सीयर में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं, नवजातों की जान पर खतरा, आखिर कब जागेगा स्वास्थ्य विभाग

उमेश गुप्ता
बिल्थरारोड (बलिया): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर में शिशु रोग विशेषज्ञ की लगातार गैर मौजूदगी अब बच्चों की जान पर भारी पड़ने लगी है। यह स्वास्थ्य केंद्र प्रतिदिन 1000 से 1500 तक मरीजों की ओपीडी देखता है।और इसे क्षेत्र का प्रमुख जच्चा-बच्चा केंद्र माना जाता है, लेकिन हैरानी की बात है। कि यहां एक भी बच्चों का डॉक्टर (पेडियाट्रिशियन) तैनात नहीं है।
डिलीवरी के दौरान यदि नवजात को सांस लेने में तकलीफ, गंदे पानी (मेकोनियम) में दम घुटने या अन्य गंभीर समस्याएं होती हैं, तो उन्हें 60 किलोमीटर दूर मऊ रेफर किया जाता है। इतनी दूरी तय करने में कीमती समय निकल जाता है, और कई बार परिजनों को अपने नवजात शिशु को खो देना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां रास्ते में ही बच्चों ने दम तोड़ दिया।एक डिलीवरी केंद्र लेकिन कोई शिशु विशेषज्ञ नहीं यह कैसी व्यवस्था सरकार ने सीएचसी सीयर को जच्चा-बच्चा सेवाओं के लिए विकसित किया, लेकिन बिना शिशु रोग विशेषज्ञ के यह केंद्र अधूरा साबित हो रहा है।
यह न सिर्फ शासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीणों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी सवाल है। स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। सवाल यह भी उठता है कि जब यह समस्या वर्षों से चली आ रही है, तो स्थानीय विधायक और स्वास्थ्य विभाग क्यों मौन हैं।
गांव वालों और समाजसेवियों ने स्वास्थ्य मंत्री और जिलाधिकारी से मांग की है कि सीएचसी सीयर पर तत्काल एक योग्य शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जाए। साथ ही केंद्र पर नवजात उपचार से संबंधित उपकरणों और सुविधाओं की व्यवस्था की जाए, ताकि किसी मां की गोद और किसी परिवार का सपना न उजड़े। यदि अब भी ध्यान नहीं दिया गया, तो यह लापरवाही किसी दिन बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है। सरकार और प्रशासन को अब जवाब देना होगा आखिर कब तक नवजात शिशु इलाज के लिए दर-दर भटकते रहेंगे।