वाराणसी: जेल से ज़मानत के बाद रिहाई होने पर जुलूस निकालने के आरोप में गिरफ्तार आबिद शेख प्रकरण में सुनवाई करते हुवे हाई कोर्ट ने दिया निर्देश ‘आबिद शेख को लाकर हमारे सामने पेश करे चेतगंज और राजातालाब इस्पेक्टर’

ईदुल अमीन

वाराणसी: वाराणसी के एक प्रकरण में दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दरमियाना हाई कोर्ट ने वाराणसी के इस्पेक्टर चेतगंज और इस्पेक्टर राजातालाब को तलब कर लिया है। कल हुई सुनवाई के दरमियान स्टेट काउंसिल के बयान से अदालत संतुष्ट नही हुई और अदालत ने चेतगंज और राजातालाब इस्पेक्टर को हुक्म किया है कि आबिद शेख को कल बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट में पेश करे।

बताते चले कि दिनांक 6/6/2025 की शाम को आबिद शेख को एससी/एसटी के एक मामले में ज़मानत के बाद जेल से रिहाई हुई थी। इस रिहाई के बाद जेल के गेट से आबिद शेख के समर्थको द्वारा तेलियाबाग तक आबिद शेख को लेकर एक जुलूस के शक्ल में आया गया। जिसमे विभिन्न प्रकार के नारे लगे थे। शुरू में ऐसा कतिपय लोगो ने दावा किया था कि जुलूस में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगा है। मगर पुलिस जांच में यह उसी दिन स्पष्ट हुआ कि ऐसा कोई नारा नहीं लगा था।

इसके बाद दिनांक 7 जून 2025 को चेतगंज थाने में एक हिंदूवादी संगठन के खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने व्यक्ति ने इस जुलूस के मुखालिफ तहरीर दिया और पुलिस ने मामला दर्ज करते हुवे आबिद शेख सहित अरमान और जावेद नामक युवक को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उसी दिन रात में आबिद शेख और कुछ अज्ञात के खिलाफ एक और मामला एससी/एसटी के तहत आशीष कन्नौजिया नाम के युवक ने दर्ज करवाया। यह युवक उक्त मामले में वादी मुकदमा है जिसमे आबिद शेख की पहली बार गिरफ़्तारी हुई थी। इसमें उसका आरोप है कि आबिद सेख और उसके साथ सैकड़ो अन्य ने उसको जाति बोधक गालिया देते हुवे मुकदमा वापस लेने की धमकी दिया।

इसके बाद दिनांक 8 जून को आबिद शेख और दो अन्य युवक अरमान और जावेद को पुलिस ने शांति भंग में चालान कर दिया। जिसमे कमिश्नरी कोर्ट ने ज़मानत पत्र नहीं लिया और तीनो को जेल भेज दिया। इसके बाद तीनो को ही पुलिस ने जेल भेज दिया। जिसमे तमाम कोशिशो के बाद भी गिरफ्तार अभियुक्तों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने ज़मानत पत्र नही लिया। इसी बीच मामले में एक मोड़ तब सामने आया जब 13 जून को एक आरोपी जावेद के परिजनों ने संयुक्त पुलिस आयुक्त को जावेद की घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज प्रदान किया जिसमे जावेद घटना के समय अन्यंत्र जगह दिखाई दे रहा था और जुलूस में उसके शामिल न होने का दावा परिजनों ने इन साक्ष्यो के आधार पर लिया। जिस पर एडीसीपी काशी मामले की जांच कर रहे है।

इसके बाद दिनांक 16 जून को जावेद की ज़मानत आखिर कमिश्नरेट पुलिस करती है। जबकि अरमान की ज़मानत दुसरे दिन होती है। वही दूसरी तरफ अवैध रूप से तीनो को हिरासत में रखने का मामला हाई कोर्ट की चौखट पर पहुच गया। हाई कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई शुरू किया और स्टेट काउंसिल से इस सम्बन्ध में जवाब माँगा था। जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस हरवीर सिंह की बेच स्टेट काउंसिल के जवाब से संतुष्ट नही नज़र आई और इसके बाद वाराणसी के चेतगंज इस्पेक्टर तथा राजा तालाब इस्पेक्टर को याचिकाकर्ता आबिद शेख को हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

वही सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस मामले में थाने चौकी पर अपनी आमद रफत रखने वाले चंद मौका परस्त अपनी व्यक्तिगत रंजिश निकालने के लिए भी लगे हुवे है। कई ऐसे युवको का नाम थाने की टीम को नोट करवाए जाने की सुचना हमारे सूत्र प्रदान कर रहे है जिनका न तो आबिद शेख से कोई मतलब है और न ही उसके जुलूस के वक्त उस पुरे इलाके में कही मौजूदगी है। मगर व्यक्तिगत खुन्नस के लिए पुलिस का ऐसे फर्जी सहारा लेने वाले लोग भी अब एक्टिव नज़र आ रहे है।

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