कावड यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबे के संचालको को नाम प्रदर्शित करने और क्यूआर कोड लगाने के मुखालिफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका, कल होगी सुनवाई

ईदुल अमीन
डेस्क: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के द्वारा कावड यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबो के संचालको को नाम प्रदर्शित करने और क्यूआर कोड लगाने के आदेश की मुखालिफत में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और मानवाधिकार कार्यकर्ता आकार पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपूर्वानंद, आकार पटेल, और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा इस मामले में 2024 में दाखिल की गई याचिका के भी याचिकाकर्ता थे।

अपूर्वानंद की याचिका में कहा गया है कि इन दोनों राज्यों के निर्देश संविधान के कई प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, साथ ही यह 22 जुलाई, 2024 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ हैं। उस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘व्यक्तिगत पहचान के प्रदर्शन का न तो कोई वैधानिक आधार है और न ही यह सार्वजनिक व्यवस्था या खाद्य सुरक्षा अनुपालन जैसे उद्देश्यों के लिए आवश्यक है।’
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि किसी भी राज्य कार्रवाई को, जो निजता और गरिमा को प्रभावित करती है, उसे वैध उद्देश्य, उपयुक्तता, आवश्यकता और अनुपातिकता की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इन निर्देशों में इन सभी कसौटियों का उल्लंघन हुआ है। साथ ही ये किसी भी क़ानूनी प्रावधान के अंतर्गत नहीं आते हैं और इनका असर भेदभावपूर्ण और कलंकित करने वाला होगा।










