कर्णाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने भाजपा के युवा सांसद पर लगाया ट्रंप से मिलने के लिए फजीहत करवाने का आरोप, पढ़े क्या है मामला

ईदुल अमीन
डेस्क: कर्नाटक के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल एक युवा बीजेपी सांसद के अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करने की कथित कोशिशों के सम्बन्ध में उठाया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के अमेरिका दौरे के दौरान कथित तौर पर ये घटना हुई थी। प्रियांक खरगे ने इस मुलाकात को डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन और भारत की संस्थागत अखंडता और कूटनीतिक प्रतिष्ठा के लिए ‘अपमानजनक’ बताया है।

If this news report of the BJP MP’s immature approach is accurate, it is nothing short of disgraceful.
Serious questions must be answered:
•How did a sitting MP bypass all established diplomatic protocols to meet a former head of state?
•Was the Ministry of External Affairs… pic.twitter.com/eOwJ6NAeTW
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) July 7, 2025
दावा है कि मुलाकात के दौरान ट्रंप ने युवा सांसद को तीखे तेवर दिखाए जिसके चलते उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। एक्स पर एक पोस्ट में प्रियांक खरगे ने इस मुलाकात के बारे में तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि सांसद ने डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल को कैसे दरकिनार किया, और साथ ही जवाबदेही की मांग की। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए खरगे ने ट्वीट किया, ‘अगर भाजपा सांसद के अपरिपक्व दृष्टिकोण की ये खबर सही है, तो ये शर्मनाक से कम नहीं है।’ पोस्ट में सवाल खड़े करते हुए खरगे ने विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा। लिखा कि क्या भाजपा सांसद की ट्रंप के साथ कथित बैठक के बारे में मंत्रालय से पूछा गया था, या उन्हें सूचित किया गया था? उन्होंने आगे लिखा, ‘क्या एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होने पर इस अपरिपक्व आचरण को उचित ठहराया जा सकता है? ये युवा भाजपा सांसद कौन है, और सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है क्या?’
कर्नाटक के मंत्री ने पोस्ट में आगे लिखा कि ‘ये कोई बेकार की राजनीतिक गपशप नहीं है। ये भारत की संस्थागत अखंडता और कूटनीतिक प्रतिष्ठा का गंभीर अपमान है। इस पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए। ये जवाबदेही की मांग करता है।’ प्रियांक खरगे ने केंद्र सरकार पर ‘दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अक्सर बिना किसी स्पष्टीकरण के राज्य के नेतृत्व वाले निवेश प्रतिनिधिमंडलों को अनुमति देने से इनकार कर देती है। वहीं भाजपा सांसदों को फोटो खिंचवाने के लिए पार्टी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने की छूट दे रही है। रिपोर्ट के मुताबिक युवा बीजेपी सांसद की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की खबर सामने आने के बाद भाजपा नेतृत्व ने कड़ा रुख अपनाया था। पार्टी ने सांसद की कड़ी आलोचना की। साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी गई है।










