मैदान से मंत्रालय तक: मोहम्मद अज़हरुद्दीन बने तेलंगाना सरकार में मंत्री—पढ़ें क्रिकेट से राजनीति का पूरा सफ़र…!

आफताब फारुकी

PNN24 न्यूज़, हैदराबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और अपने ज़माने के दिग्गज बल्लेबाज मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने राजनीति की पिच पर एक बड़ी छलांग लगाई है। कांग्रेस नेता अज़हरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

अज़हरुद्दीन का यह सफर क्रिकेट के हरे मैदान से लेकर सत्ता के गलियारों तक, उतार-चढ़ाव और विवादों से भरा रहा है।

क्रिकेट का वो ‘कलाई का जादूगर’

अज़हरुद्दीन का क्रिकेट करियर भारतीय इतिहास के सबसे यादगार अध्यायों में से एक है।

  • शानदार शुरुआत: उन्होंने 1984 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक लगाकर इतिहास रच दिया। उनकी स्टाइलिश कवर ड्राइव और कलाई के जादू ने उन्हें ‘अज़हर’ के नाम से मशहूर कर दिया।
  • सफल कप्तान: अज़हर ने 1990 के दशक में भारतीय टीम का नेतृत्व किया। वह तीन विश्व कप में टीम इंडिया के कप्तान रहे और अपनी कप्तानी में टीम को कई अहम जीत दिलाई। उन्होंने 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले।
  • विवाद और वापसी: साल 2000 में मैच फिक्सिंग विवाद के चलते उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2012 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया, जिससे उनका नाम साफ़ हुआ।

राजनीति की पिच पर दूसरी पारी

क्रिकेट से संन्यास के बाद, अज़हरुद्दीन ने कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीति में कदम रखा:

  • लोकसभा सदस्य: उन्होंने 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंचे
  • असफल विधानसभा चुनाव: 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद, उन्होंने 2023 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स सीट से किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
  • मंत्रिमंडल में एंट्री: विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद, कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें तेलंगाना कैबिनेट में शामिल करने का फैसला किया। इसके साथ ही, अज़हरुद्दीन रेवंत रेड्डी सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय से पहले मंत्री बन गए हैं।

उपचुनाव से जुड़ा राजनीतिक समीकरण

अज़हरुद्दीन को मंत्री बनाए जाने के फैसले को जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं, जो परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

  • बीजेपी का विरोध: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस फैसले को ‘चुनावी तुष्टिकरण’ करार दिया है और कहा है कि कांग्रेस आगामी उपचुनाव में वोट बैंक को साधने के लिए यह कदम उठा रही है।
  • अज़हर का जवाब: मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अज़हरुद्दीन ने विरोध को खारिज करते हुए कहा कि उनका मंत्री बनना और जुबली हिल्स उपचुनाव दो अलग-अलग मामले हैं। उन्होंने कहा, “मुझे आलोचनाओं का सामना तब से करना पड़ रहा है जब से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया है। मेरा लक्ष्य सिर्फ ईमानदारी से काम करना है।”

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्रिकेट के इस पूर्व दिग्गज की राजनीतिक पारी कितनी सफल होती है और वह तेलंगाना के विकास में क्या योगदान देते हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *