PNN24 News: विपक्ष का बड़ा ऐलान, ‘हमारी सरकार बनी तो तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री’, NDA से पूछा – आपका चेहरा कौन?

निशा रोहतवी
डेस्क: बिहार की राजनीति में इन दिनों मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर गहमागहमी तेज है। आगामी चुनावों से पहले, विपक्ष ने एक बड़ा और स्पष्ट दांव चला है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन (महागठबंधन) के प्रमुख नेताओं ने एकजुट होकर ऐलान किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो तेजस्वी यादव ही बिहार के मुख्यमंत्री होंगे। इस घोषणा के साथ ही, विपक्ष ने सीधे तौर पर सत्तारूढ़ गठबंधन, नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA), पर हमला बोलते हुए एक तीखा सवाल दाग दिया है: “एनडीए में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है?”

महागठबंधन के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस या सार्वजनिक मंच से स्पष्ट कर दिया कि उनकी रणनीति में कोई अस्पष्टता नहीं है। तेजस्वी यादव ही उनके सबसे बड़े और सर्वमान्य नेता हैं, और युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता, साथ ही पिछली सरकारों के दौरान किए गए कथित ‘बेहतर’ कार्यों के दम पर, वे उन्हें ही अगला मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर रहे हैं। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, “हमने जनता के सामने अपना नेता, अपना चेहरा स्पष्ट रूप से पेश कर दिया है। यह दिखाता है कि हमारे गठबंधन में एकता और स्पष्टता है। हम चुनाव जीतने के बाद ‘कौन बनेगा सीएम’ के सवाल पर उलझेंगे नहीं।”
NDA पर दागा ‘चेहरा’ न होने का सवाल:
विपक्ष का मुख्य निशाना NDA की ओर है, जहाँ मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं मानी जा रही है। वर्तमान में भले ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हों, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से भविष्य के लिए ‘चेहरा’ कौन होगा, इसे लेकर अटकलें और कयास हमेशा लगते रहे हैं।
विपक्षी नेताओं ने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा, “NDA के पास अपना कोई स्पष्ट सीएम चेहरा नहीं है, जिस पर वे चुनाव लड़ सकें। अगर वे चुनाव जीत भी जाते हैं, तो क्या मौजूदा मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ही कुर्सी पर रहेंगे या फिर भाजपा का कोई नया चेहरा सामने आएगा? जनता को यह जानने का हक है कि वे किसके नाम पर वोट देने जा रहे हैं।”
राजनीतिक विश्लेषकों की राय:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष का यह कदम एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। एक तरफ जहां तेजस्वी के नाम पर मुहर लगाकर उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और वोटरों में जोश भरने की कोशिश की है, वहीं दूसरी तरफ NDA पर दबाव बढ़ा दिया है कि वे भी अपना पत्ता खोलें।
विश्लेषकों का कहना है कि यह सवाल NDA के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है, क्योंकि अगर वे नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित करते हैं, तो भाजपा के अंदर महत्वाकांक्षी नेताओं की नाराजगी का खतरा है, और अगर किसी नए चेहरे को सामने लाते हैं, तो गठबंधन में दरार पड़ सकती है। बहरहाल, विपक्ष के इस स्पष्ट ऐलान और तीखे सवाल ने बिहार की चुनावी बिसात पर एक नई चाल चल दी है। अब देखना यह है कि NDA इस ‘फेस ऑफ’ चुनौती का जवाब कैसे देती है।











