कप्तान साहेब- पेशी पर आये आरोपियों को पुलिस कर्मी पकौड़ी, गुलाब जामुन और चाय की सैर करवाते है।

वाराणसी – अक्सर सुनने को आता है कि पेशी पर आया आरोपी (अपराधी) फरार हुवा। यही वाराणसी में अपने समय का आतंक का पर्याय बना एक अपराधी पेशी पर आया और पेशी पर साथ आये पुलिस कर्मी उसको चाय नाश्ता करवा रहे थे इसी बीच वो मौका पाकर फरार हो गया। बड़ी मशक्कत के बाद उसको दुबारा काफी समय बाद पकड़ा गया था। अक्सर किसी न किसी शहर में ऐसी घटनाये सुनने में आ ही जाती है। इन घटनाओ से भी पुलिसकर्मी कोई सबक नहीं लेते है और नियमो को ताख पर सिर्फ अपनी सुविधा हेतु रख दिया जाता है।

ऐसा ही नियमो को ताख पर रखने का एक घटनाक्रम आज दिनांक 15 फरवरी को दोपहर लगभग 4 बजे वाराणसी मुख्यालय पर सैनिक ढाबे के पास देखने को मिला जब बलात्कार का एक आरोपी पेशी पर आया और पेशी होने के बाद जब सम्मानित न्यायालय ने जेल भेजा तो साथ आये पुलिस कर्मियो ने सीधे जेल न ले जाकर उसको पहले सैर सपाटा करवाया फिर रिज़र्व ऑटो से उसको लगभग एक घंटे बाद जेल लेकर रवाना हुवे। इस बीच उन पुलिस कर्मियो ने उसको पान गुटखा इत्यादि की खरीदारी करने की भी छूट प्रदान की।

घटना कुछ इस प्रकार हुई की फ़ोटो में हथकड़ी में कैद यह युवक रामनगर थाने के अपराध संख्या 27/16 का बलात्कार का आरोपी शैलेन्द्र तिवारी है। थाना रामनगर ने उक्त अपराध में इसको गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया और न्यायालय ने जेल भेजने का आदेश कर दिया। इसको नियमो के अनुसार जेल दाखिला सम्बंधित थाने के पुलिस कर्मियो द्वारा करवाया जाता है। साथ आये पुलिस कर्मी इसको जेल दाखिला के पहले लेकर ज़िला मुख्यालय के पास स्थित सैनिक ढाबे के बगल में एक चाय नाश्ते की दूकान पर लेकर आये। आरोपी के हाथ में हथकड़ी थमाँ कर दीवान जी मुह हाथ धोने लगे। तब तक साथ आये होमगॉर्ड की नज़र वहा बैठे पत्रकारो पर पड़ गई तो मान्यवर ने हथकड़ी की रस्सी अपने हाथ में थाम ली। फिर शुरू हुवा आरोपी के साथ चाय नाश्ते का दौर। पहले गर्मागर्म पकौड़ी का आनंद पुलिस कर्मियो ने आरोपी के साथ लिया। फिर एक दौर गुलाब जामुन का चला और फिर उसके बाद स्पेशल चाय का दौर चला। गूड के सेव का लड्डू आरोपी के साथ आया पारिवारिक सदस्य लेकर आया था। घर के बने उस लड्डू का भी स्वाद पुलिस कर्मियो ने लिया। फिर चला सिगरेट और पान का दौर। इस बीच आरोपी ने गुटखे और पान व सिगरेट का अपने लिए स्टॉक लिया। हमने ध्यान से पुलिस कर्मियो के नेम प्लेट को पढ़ने का प्रयास किया। होमगौर्ड साहब की नेम प्लेट पर आर.जे.शुक्ला और कांस्टेबल की नेम प्लेट पर विनोद कुमार सिंह लिखा दिखा।
पुलिस कर्मी यह जानते हुवे भी की कई मीडिया वाले वहा बैठे है बेफिक्र होकर इस दावत का लुत्फ़ उठाये। जेल जा रहे आरोपी की ऐसी आवभगत हो रही थी कि जैसे वो जेल न जाकर किसी तीर्थ पर जा रहा हो। इस दावत का दौर लगभग एक घंटे चला। इसके बाद एक रिज़र्व ऑटो रिक्शा बुलाया गया और फिर पुलिसकर्मी उस अपराधी को लेकर जेल रवाना हुवे।

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