वाह साहेब, सीवर के पानी को कहते है आप कि बाढ़ का पानी है.

आदमपुर थाने के हनुमान फाटक पुलिस चौकी का हाल 

निलोफर बानो.

वाराणसी. शहर के
पीलीकोठी, कच्चीबाग़, हनुमान फाटक इत्यादि क्षेत्रो में विगत 10 दिनों से 2 फिट से लेकर
4 फिट तक पानी जमा हुआ है. इस जल जमाव के कारण थाना आदमपुर के भवन में भी एक फिट
के लगभग पानी जमा हुआ है. थाना तो फिर भी कुछ हद तक सही है जहा आप केवल पैर भीगा
कर चले जायेगे मगर पुलिस चौकी हनुमान फाटक की स्थिति और भी नरकीय है. चौकी और आस
पास के इलाके में पानी लगभग 4 फिट तक जमा हुआ है. यह पानी अब बढ़ते हुवे छित्तनपुरा
को छूने को बेताब है. हालात ऐसे है कि मस्जिद में लोग दरवाज़े की जगह खिड़की से
प्रवेश कर रहे है वही मंदिर में भी जाने के लिए इस जल में भीग कर जाना पड़ रहा है.
विगत 10 दिनों से मज़बूरी में चौकी का ताला नहीं खुल रहा है. कारण है कि चौकी के
अन्दर तक पूरा पानी भरा हुआ है.
क्षेत्रिय
नागरिको ने इसकी कई बार शिकायत सम्बंधित विभाग से की. परन्तु आज 10 दिन गुज़र जाने
के बावजूद भी जल निकासी का कोई प्रबंध न होने पर आक्रोशित क्षेत्रिय नागरिको ने
क्षेत्र में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. मौके पर पुलिस ने नागरिको को समझाने का
बहुत प्रयास किया मगर नागरिक सम्बंधित विभाग के अधिकारियो को मौके पर बुलाने पर
अड़े थे. इस प्रदर्शन को बल मिला जब मौके पर भाजपा के नेता दयाशंकर मिश्र “दयालु
गुरु” भी अपने समर्थको के साथ पहुच गए और प्रदर्शन को समर्थन किया. अंततः पुलिस को
सम्बंधित विभाग के अधिकारियो को बुलाना पड़ा और जनता से रूबरू करवाना पड़ा.

हास्यप्रद है
विभाग का तर्क :

सूत्रों की माने
तो बड़े न नुकुर के बाद जब कोई अन्य रास्ता न बचा तो साहेब को मौके पर आना ही पड़ा.
अपनी पेंट को गीला न हो बचाने के लिए मशक्कत करते करते साहेब मौके पर पहुचे.
उन्होंने आते ही जो जवाब दिया वो अवाक् करने के लिए काफी था. साहेब ने फ़रमाया
कि इसमें सम्बंधित विभाग की कोई गलती नहीं है क्योकि यह पानी सीवर का नहीं है
बल्कि बाढ़ का पानी है.
इस जवाब को सुनकर सभी अवाक् रह गए और साहेब का मुह
देखते रह गए. तभी भीड़ को चीरती एक आवाज़ ने साहेब का ध्यानाकर्षण करवाया. एक काफी
बुज़ुर्ग सज्जन ने कहा बाबु जी मेरी उम्र 80 बरस है सन 78 की बाढ़ मुझको याद है उस
बाढ़ में भी इस इलाके में पानी नहीं आया था. इसके बाद साहेब से सभी नागरिक सलाह
लेने लगे. सबका सवाल था कि साहेब अगर यह बाढ़ का पानी है तो किस नदी के बाढ़ का पानी
है ये, गंगा या वरुणा का पानी है साहेब, अगर गंगा का पानी है तो बीच के पड़ने वाले
मुहल्लों को इसने प्रभावित क्यों नहीं किया और वरुणा का है तो फिर कैसे बीच में
पड़ने वाले इलाके बाढ़ग्रस्त नहीं है. साहेब इन सवालो से बगल झाकने लगे और अंततः
उन्होंने कल तक इसको हल करवाने का आश्वासन दिया है.
क्या है कारण :-

बात कुछ यह है कि
विभागीय लापरवाही कही न कही से तो है. कारण इसका यह है कि सूत्र के अनुसार क्षेत्र
में सीवर लाइन को बदलने का कार्य युध स्तर पर चला था. सीवर लाइन बदल दी गई.
सूत्रों के अनुसार पुरानी सीवर लाइन का कटा कनेक्शन नए में जोड़ा नहीं दिया जिससे
क्षेत्र का जल निकास नहीं हो पा रहा है. इसी कारण बारिश का जल भराव दस दिनों से
लगा हुआ है. अब देखना यह है की प्रकरण में प्रशासन की नींद कब खुलती है,

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