गन्ना मूल्य भुगतान में फिसड्डी चिलवरिया चीनी मिल के विरूद्ध आरसी जारी।


नूर आलम वारसी।
बहराइच । प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के लम्बित गन्ना मूल्य दिलाने के लिए कठोर कदम उठायें हैं। सरकार के निर्देश के क्रम में गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी द्वारा मोदी, सिम्भावली, राणा एवं मावाना समूह के मालिकों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में सम्बन्धित थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है और 09 बड़े बकायेदार चीनी मिलों के विरूद्ध आर.सी. भी जारी कर दी गयी है।

प्रदेश के गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारियों को निर्गत आर.सी. पर तत्काल अग्रेतर कार्यवाही करने एवं बकाया गन्ना मूल्य की इनसे वसूली कर किसानों को भुगतान कराने के निर्देश दिये गये हैं। श्री द्विवेदी द्वारा बताया गया है कि निर्गत आर.सी. के क्रम में जिला प्रशासन अब इन मिलों की चीनी शीरा, बगास व अन्य चल व अचल सम्पत्तियों की कुर्की/नीलामी कर सकेगा, जिससे किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में मदद मिलेगी। 
  गन्ना आयुक्त की ओर से जानकारी दी गयी है कि चीनी मिलों को आर.सी. के क्रम में बकाया गन्ना मूल्य के साथ-साथ विलम्बित अवधि का ब्याज एवं इस पर संग्रह व्यय के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना पड़ेगा। आयुक्त द्वारा बताया गया कि प्रदेश की कुल 117 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2015-16 में कुल रू. 18003.13 करोड़ का गन्ना खरीदा गया था जिसके सापेक्ष अब तक रू. 15886.16 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है तो कुल देय गन्ना मूल्य का 88.24 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि रू. 2116.97 करोड़ अभी अवशेष है। 
गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान के लिए समय-समय पर चीनी मिलों के साथ की गयी बैठकों एवं नोटिसें निर्गत कर त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के लिए प्रस्तारित किये गये निर्देशों के नतीजे में सहकारी क्षेत्र की सभी 24, निगम क्षेत्र की एक मात्र चीनी मिल एवं निजी क्षेत्र की कुल 92 में से 35 चीनी मिलों द्वारा राज्य परामर्शिता मूल्य की दर से शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान करा दिया गया है। जबकि कुछ चीनी मिलों द्वारा भुगतान के प्रति उदासीनता बरती गयी, इनका गन्ना मूल्य भुगतान 40 प्रतिशत से भी नीचे है जिनके विरूद्ध आर.सी. जारी की गयी है। श्री द्विवेदी ने बताया कि अन्य चीनी मिलों द्वारा शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया गया है यदि इनके भुगतान में अधिक विलम्ब होता है तो अन्य कई चीनी मिलों के विरूद्ध भी शीघ्र ही वसूली प्रमाण-पत्र निर्गत कर कठोर कार्यवाही कराई जायेगी। 
श्री द्विवेदी ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान के प्रति बरती गयी उदासीनता को गम्भीरता से लेते हुए 40 प्रतिशत से कम भुगतान करने वाली सभी 09 चीनी मिलों यथा मोदीनगर, मलकपुर (मोदी समूह), तितावी, मवाना (मवाना समूह), चिलवरिया, बृजनाथपुर (सिम्भावली समूह), बहेड़ी (केसर समूह), ऊन, बिलारी (राणा समूह) के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। इन मिलों के विरूद्ध रू. 1035.20 करोड़ गन्ना मूल्य तथा रू. 83.12 करोड़ ब्याज सहित कुल रू. 1118.32 करोड़ की आर.सी. निर्गत कर दी गयी है। श्री द्विवेदी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार चीनी मिल चिलवरिया पर 19 अगस्त की स्थिति के अनुसार अवशेष गन्ना मूल्य रू. 8302.74 लाख व गन्ना मूल्य पर विलम्बित अवधि का देय ब्याज रू. 747.36 कुल रू. 9050.10 लाख गन्ना मूल्य अवशेष है। 

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