तो क्या जांच के नाम पर मरीजो का किया जा रहा शोषण

अनंत कुशवाहा अम्बेडकरनगर 
डेंगू जैसी बीमारी पर जिले में नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। जलालपुर के क्षेत्राधिकारी कार्यालय में तैनात सिपाही की डेंगू से हुई मौत ने स्वास्थ्य महकमे की लाचारी को सामने ला दिया है। दूसरी तरफ नगर पालिकाओं द्वारा भी साफ सफाई के प्रति बरती जा रही लापरवाही लोगांे को इस बीमारी की चपेट में लाने का प्रमुख कारण बनती जा रही है।

जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न अंचलो के दर्जन भर से अधिक लोग अभी भी डेंगू से प्रभावित होकर जिले के बाहर विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे है। जिला मुख्यालय पर स्थित पैथालोजी केन्द्रो पर डेंगू की जांच के नाम पर मरीजो को खूब लूटा जा रहा है। गैर पंजीकृत इन पैथालोजी केन्द्रो का संचालन किसकी मिली भगत से किया जा रहा है, इस पर स्वास्थ्य महकमा भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। जलालपुर, टाण्डा व किछौछा में डेंगू की दहषत लोगों के सिर चढ़कर बोल रही है। सबसे अधिक मौते टाण्डा में हुई बतायी जाती है। सरकार द्वारा साफ सफाई के प्रति किये जा रहे प्रचार प्रसार को उनके ही अधीनस्थ ठेगा दिखाने से नहीं चूक रहे है। सफाई व्यवस्था लचर होने के कारण डेंगू के मच्छरो के प्रजनन की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। जिला मुख्यालय के षहजादपुर कस्बे में भी डेंगू से प्रभावित मरीजो के मिलने की बात सामने आ चुकी है। गरीब तबके के लोगों में डेेंगू जैसी बीमारी होने की जानकारी ही नहीं हो पा रही है। कारण कि लोग जांच के पायदान तक पहुंच ही नहीं पा रहे है। इसी कारण से ऐसे तबको के प्रभावित लोगों की मौत का कारण भी स्पश्ट नहीं हो पाता है। फिलहाल डेंगू के प्रति यदि लोगों को जागरूक नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह बीमारी महामारी का रूप धारण कर सकती है।

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