ना आई शर्म सरकारी मशीनरी को और शर्मशार हो गई इंसानियत, सायकल से ले गया मासूम की लाश को घर

नरेन्द यादव 

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में एक बार फिर इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है | घटना जिला अस्पताल के सरकारी डाक्टरों की ऐसी करतूत से जुडी है, जिससे एक मामा को अपनी मासूम भांजी की लाश को साईकिल से कंधे पर रख कर 10 किलोमीटर ले जाना पड़ा | इंसानियत को शर्मशार करने वाली इस घटना पर कौशाम्बी के चीफ मेडिकल अफसर का कहना है कि उनके जानकारी में यह मामला नहीं है, जानकारी मिली है इस पर जिला अस्पताल के सीएमएस से जवाब तलब किया जायेगा | 

कौशाम्बी का यह घटना आपको सोचने को मजबूर कर देगा कि क्या हम आधुनिकता की दौड़ में इंसानियत भूल बैठे है | एक  दलित ब्रिज मोहन नाम का शख्स अपनी मासूम 7 महीने की भांजी पूनम की लाश को लेकर साईकिल से अपने घर जा रहा है | जिला अस्पताल कभी ब्रिज मोहन अपनी भांजी की लाश को सभालता है तो कभी अपनी साईकिल के हैंडिल को सभालता है | हमारे सामने से जब यह शख्स गुजरा तो केवल जिज्ञासा वश हमने उससे सवाल किया तो उसने अपना दर्द बताया | 
बताया जा रहा है कि ब्रिज मोहन के जीजा अनंत कुमार मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पलता है | पिछले कई दिनों से उसकी 7 महीने की मासूम बेटी पूनम को उल्टी और दस्त की शिकायत थी | जिसको उसने जिला अस्पताल में इलाज के लिए 2 दिन पहले भर्ती कराया था | गरीबी की हालत में रुपयों के इंतजाम के लिए वह काम करने इलाहाबाद अपने साले के भरोसे बेटी को अस्पताल में छोड़ गया | अस्पताल में इलाज के दौरान मासूम पूनम ने दम तोड़ दिया | जिसके बाद ब्रिज मोहन ने अपनी भांजी की लाश को 10 किलोमीटर दूर गाव मलाक सद्दी ले जाने के लिए जिला अस्पताल के डाक्टरों से एम्बुलेंस और शव वाहन के लिए भीख मागता रहा , लेकिन इंसानियत भूल चुके धरती के भगवान् डाक्टरों ने उसे वाहन नहीं दिया | अस्पताल में छोटे बड़े सभी डाक्टरों ने गुहार लगा कर थक गया | सरकारी वाहन न मिलने पर बृजमोहन को मजबूरन पास के साईकिल दूकान दार से साईकिल लेकर अपने घर के लिए निकलना पड़ा | पूरे रास्ते वह अपनी भांजी की लाश कंधे पर लिए साईकिल का पैदल मरता हुआ अपने घर पंहुचा | ब्रिज मोहन की अब एक ही फ़रियाद है सरकार से उसके साथ जिला अस्पताल के डाक्टरों ने किया वह अब दुसरे किसी और के साथ न हो | 
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में सरकारी अस्पताल के डाक्टरों की यह करतूत कोई पहली बार नहीं सामने आई है | इसके पहले 20 मई को भी जिला अस्पताल के डाक्टरों ने अवैध वसूली के चक्कर में एक अहमदीपुर गाव के रहने वाले महेश को भी अपनी गर्भवती पत्नी मालती की लाश को इस्त्रेचर पर भी लेकर अस्पताल से अपने घर के लिए सड़क पर पैदल चलना पड़ा था | हालाकि इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने महेश को शव वाहन मुहैया करा दिया था | 
डिप्टी सीएम केसव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में सरकारी डाक्टरों की हरकत से इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है | जिसका सवाल , पहले तो सीएमओ कौशाम्बी डॉ एसके उपाध्याय ने घटना की जानकारी होने से ही मना कर दिया, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने पूरे मामले की जाँच के निर्देश दिए है | इसके लिए उन्होंने जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल अफसर से जवाब तलब करने की बात करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है | 
यूपी की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का यह हाल तब है…. जब यूपी में भाजपा की सरकार है…. और सबसे खास बात यह है कि जिस जिले में यह घटना सामने आई है वह जिला डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का गृह जनपद कौशाम्बी है | जहाँ से उन्होंने अपने राजनैतिक कैरियर की बुलन्दिया हासिल कर आज यूपी की सत्ता के शिखर पर है | 

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