जाने इलाहाबाद के नाम बदलने के फैसले पर विदेशो की मीडिया ने क्या कहा

आदिल अहमद.

डेस्क. इलाहाबाद का नाम बदलने के योगी के फैसले जहा देश में सुर्खिया बटोर रहे है वही विदेशी मीडिया संस्थाओ ने भी इस फैसले पर कलम घिसना शुरू कर दिया है. इस क्रम में ब्रिटेन के प्रमुख अख़बार द गार्डियन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है ”कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादी योगी के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश के एक शहर का मुस्लिम नाम बदलकर हिन्दू मान्यता से जुड़ा नाम रख दिया है. आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उन पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का आरोप है। अख़बार ने लिखा है, ”राज्य सरकार ने शहर के पुराने नाम को फिर से बहाल कर दिया है. इस शहर का पुराना नाम प्रयाग ही था, जिसे मुग़ल काल में 16वीं सदी के आख़िर में इलाहाबाद कर दिया गया था।

द गार्डियन ने लिखा है, ”प्रयाग संस्कृत का शब्द है, जिसका मतलब होता है त्याग स्थल. हिन्दुओं का मानना है कि ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्मा ने शहर में जहां गंगा और यमुना नदी मिलती है, वहां पहला अर्पण किया था । ब्रिटेन के ही अख़बार द इंडिपेंडेंट ने लिखा है, ”इस बदलाव का मक़सद पुराने नाम को बहाल करना है. मुस्लिम शासक अकबर ने 1583 में प्रयाग का नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया था।

हालांकि प्रदेश की विपक्षी पार्टियां इस फ़ैसले का विरोध कर रही हैं. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो भारत के इतिहास और परंपरा की समझ नहीं रखते हैं, वही इस फ़ैसले पर सवाल उठा रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया में भी इलाहाबाद के नाम बदलने की चर्चा ख़ूब हो रही है. डेली पाकिस्तान ने योगी के इस फ़ैसले पर लिखा है, ”भारत आधिकारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी चुनावों में हिन्दू राष्ट्रवादी एजेंडों को पेश करती है. बीजेपी के कई नेताओं पर हिन्दुओं को लामबंद करने के लिए मुस्लिम विरोधी बयान देने के आरोप हैं।

अल-जज़ीरा ने लिखा है, ”कई आलोचकों का ये भी कहना है कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भारत के विविधिता से भरे इतिहास और पहचान को मिटाने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश में एक महंत योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कई जगहों के नामों को बदलने का प्रस्ताव दिया है. योगी आदित्यनाथ के ऊपर भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का आरोप लग चुका है।

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