एम्स के लिए लंबे समय से मांग

तारिक खान

दरअसल, 16 दिसंबर को प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हो रहा है। एक तरफ प्रयागराज जहां उनके स्वागत की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ लोगों को उनसे उम्मीदें भी हैं। गोरखपुर व रायबरेली को एम्स की सौगात तो दे दी गई है लेकिन प्रयागराज अभी भी इससे अछूता है। जबकि यहां कुंभ, महाकुंभ व माघ मेला आयोजित होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु देश विदेश से आते हैं। यहां एम्स के लिए लंबे समय से मांग भी की जा रही है लेकिन आज तक इसकी घोषणा नहीं हुई।

उद्योगों को संजीवनी की उम्मीद

2014 में मोदी सरकार बनाने के बाद केंद्र ने बीपीसीएल और हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) के लिए पैसा दिया। एचसीएल की देनदारी को खत्म करके हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे टेकओवर कर लिया। उसके बाद एचसीएल का नाम नैनी एयरो स्पेस हो गया। अब वहां पर लूम्स और धु्रव हेलीकॉप्टर के पाट्र्स बन रहे हैं। नैनी औद्योगिक क्षेत्र की बंद पड़ी एक इकाई तो चल चुकी है लेकिन कई और इकाइयों को संजीवनी की दरकार है। लखनऊ में यूपी इंवेस्ट्र्स समिट-2018 होने के बाद शंकरगढ़ में दो सीमेंट कंपनियां इकाई खोल रही हैं, लेकिन वहां पर सालों से रिफाइनरी खोलने की योजना ठंडे बस्ते में पड़ हुई है। अगर यहां कोई नई इकाई खुल जाए तो युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में कोई बड़ी इकाई नहीं लगने के कारण इसका विकास नहीं हो पा रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

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