तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – तो क्या एआईएडीएमके नेता शशिकला को जेल में मिलती है राजशाही सुविधा

तारिक आज़मी

पैसे के बल पर आप कुछ भी खरीद सकते है। ये शब्द तो आम बात हो चली है। पैसे से आप संसार के सभी सुख सुविधा को अपने मुठ्ठी में कर सकते है। मगर जेल में भी इस प्रकार की सुविधा आपको मिल जाए तो फिर जेल शब्द का मतलब क्या बनता है ? आखिर फिर तो किसी घोटालेबाज़ और बड़े अपराधी को जेल और आम दुनिया में फर्क नही समझ आता होगा। बड़ा घोटाला करने वाले छोटा पैसा खर्च करके सुविधाए तो ले सकते है। हमारा कहने का मतलब कही से भी अपराध और अपराधियों को बढ़ावा नही देना है। मगर जिस प्रकार से एक खबरिया चैनल ने आज एक बड़ा खुलासा किया है कि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम नेता शशिकला को नियमो को ताख पर रख कर बड़ी सुविधाए जेल में दिया जा रहा है।

आज एक खबरिया चैनल ने इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुवे पत्रकारिता का कर्त्तव्य पूरा कर दिया। भले ही कुछ टीआरपी के भूखे बैठे खुद को मसीहा की श्रेणी में समझने वाले इसके ऊपर कोई बहस नही करेगे और बेमतलब के मुद्दों पर बहस करे मगर हकीकत तो ये है कि कही न कही से पत्रकारिता को जिंदा रखने का प्रयास जारी है।खैर साहब खबर ये है कि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की नेता शशिकला जो एक सजायाफ्ता कैदी है को जेल में पांच सितारा होटल जैसी सुविधा मिल रही है। उनके लिये पांच कमरों के साथ अलग से रसोइया तक की व्यवस्था किया गया है। इस मामले का खुलासा करने वाले खबरिया चैनल ने एक आरटीआई का हवाला देते हुवे खबर को प्रसारित किया है।

बताते चले कि डीआईजी जेल रही डी रूपा ने पहले भी ये आरोप लगाये थे कि जेल के नियमो को ताख पर रखकर बड़े अधिकारियो की शह पर शशिकला को ख़ास सहुलियते मुहैया करवाया जा रहा है। इसमें उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर आरोप लगते हुवे डीजीपी सत्यनारायण राव पर दो करोड़ रुपया लेकर यह सहुलियते मुहैया करवाने का आरोप लगाया था।उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि न सिर्फ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम नेता शशिकला को अलग से किचेन की सुविधा मिली है बल्कि उनको विशेष रूप से अलग कपडे पहनने की इजाज़त दिया गया है। उस समय सरकार ने इस मामले में डी रूपा और डीजीपी जेल सत्यनारायण राव को तबादले की चोट देते हुवे कहा था कि दोनों अधिकारियो ने सर्विस नियमो का पालन नही किया है। लेकिन अब सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज़ों से साफ हो रहा है कि डी रूपा ने जो आरोप लगाए थे वो सही थे। खबरिया चैनल के दावो के अनुसार सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि शशिकला को एक की जगह पांच कमरे दिए गए है। उसे एक रसोइया भी दिया गया जो, किसी सज़ायाफ्ता को नहीं मिलता है।

उन्होंने कहा था कि महीने में 2 बार की जगह शशिकला को कई बार लोगों से मिलने की इजाज़त दी गई। मुलाक़ात 45 मिनट से ज़्यादा नही होना चाहिए पर शशिकला ने 4 घंटे तक मुलाक़ात की। बताते चले कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की सज़ा काट रही जयललिता की सहयोगी 15 फरवरी 2017 से बेंगलुरु सेंट्रल जेल में हैं। जून 2017 में जेल की डीआईजी डी रूपा ने आरोप लगाया था कि जेल के डीजीपी सत्यनारायन राव की शह पर शाशिकला को ख़ास सुविधाए दी जाती है। मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि रूपा और सत्यनारायण राव दोनों को उनके ओहदों से हटा दिया गया था। तब के गृह मंत्री और मौजूदा उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर अब इस मामले से पलड़ा झाड़ते नज़र आ रहे हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि आप इस बारे में गृहमंत्री से पूछे। मैं उनकी तरफ से जवाब नहीं दे सकता।

अब देखना होगा कि इस खुलासे के बाद क्या जेल प्रशासन और प्रदेश सरकार जागती है अथवा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम नेता शशिकला पर उसकी मेहरबानिया जारी रहती है। मगर इस घटना के खुलासे से एक बात तो साफ़ हो गई है कि जेल में पैसो के बल पर हर सुविधा को ख़रीदा जा सकता है।

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