शिक्षा विभाग – तो क्या मची है लूट और भ्रष्टाचार

तारिक खान

प्रयागराज, 15 मई 2018। प्रयागराज जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की होड़ सी मची है जिसे देखकर बरबस ही लोग कह उठते हैं- चारो तरफ मची है लूट क्या. जानकारी के अनुसार बालकों का निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम,2009 लागू होने के 10 वर्ष बाद भी प्रयागराज में इस पर अमल नही किया जा सका है जिससे हजारों मानक विहीन, गैर मान्यता प्राप्त अवैध व अमान्य विद्यालय आज भी खुले आम अनवरत संचालित हैं। खास बात यह है कि जब कोई बड़ी शिकायत की पैरवी होती है तो दिखावे के लिए नोटिस जारी होती है व स्कूल सीज भी कर दिया जाता है परन्तु अगले ही दिन वही स्कूल फिर चल जाता है।

बता दें कि प्रयागराज के तहसील/थाना/ब्लॉक कोरांव अंतर्गत मान पुर ग्राम पंचायत के पूरे कुर्मी में जे0पी0सिंह स्मारक पूर्व माध्यमिक विद्यालय इसके प्रबन्धक विकास सिंह द्वारा विगत लगभग 10 वर्षोँ से मानक विहीन गैर मान्यता प्राप्त अवैध व अमान्य विद्यालय के रूप में अनवरत संचालित है। इस विद्यालय की समय-समय पर समक्ष सक्षम अधिकारी गण व आईजीआरएस पर अनेकों बार शिकायते की गई है व यह विद्यालय कई बार बन्द भी हुआ व सीज तक कर दिया गया तथा इसके प्रबन्धक ने दस रुपये के स्टाम्प पेपर पर खुद विद्यालय को बंद करने का शपथपत्र लिखकर अधिकारियों को दिया है परन्तु दबंग प्रबन्धक विकास सिंह की संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए प्रयागराज से बेहद नजदीकी, खण्ड शिक्षा अधिकारी से पकड़ व प्रदेश स्तरीय राजनीति में ऊंची हनक से यह विद्यालय अगले ही दिन पूर्ववत संचालित हो जाता है।

इस बावत आज आर के पाण्डेय एडवोकेट हाई कोर्ट इलाहाबाद ने आईजीआरएस पर शिकायत करने के साथ ही डीएम व एसएसपी प्रयागराज, एडीबेसिक व मुख्य सचिव को भी लिखित शिकायत भेजते हुए यह मांग की है कि इस मानक विहीन व गैर मान्यता प्राप्त अवैध एवं अमान्य विद्यालय को तत्काल बन्द कराते हुए इसके प्रबन्धक विकास सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी कि बीएसए के खिलाफ कोरांव थाना में एफआईआर दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही करते हुए इनकी आय से अधिक अर्जित सम्पत्ति के प्रकरण की भी जांच की जाए।

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